Manipur Violence: मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में भड़की हिंसा, थोरबुंग इलाके में हुई फायरिंग

मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. अब यहां के चुराचांदपुर जिले से हिंसा के खबर आ रही है. जानकारी के मुताबिक यहां के थोरबुंग इलाकों में भारी गोलीबारी हुई. फायरिंग की इस घटना में कितने हताहत हुए, इस बात की जानकारी अभी सामने नहीं आई है.

Manipur Violence | Photo: PTI

इंफाल: मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. अब यहां के चुराचांदपुर जिले से हिंसा के खबर आ रही है. जानकारी के मुताबिक यहां के थोरबुंग इलाकों में भारी गोलीबारी हुई. फायरिंग की इस घटना में कितने हताहत हुए, इस बात की जानकारी अभी सामने नहीं आई है. इससे पहले मणिपुर के मोरेह जिले में बुधवार को भीड़ ने कम से कम 30 मकानों और दुकानों को आग लगा दी और सुरक्षा बलों पर गोलियां चलायीं. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. यह आगजनी कांगपोकपी जिले में भीड़ द्वारा सुरक्षा बलों की दो बसों को आग के हवाले करने की घटना के एक दिन बाद हुई. मणिपुर में हिंसा की घटनाओं के बीच नई टेंशन, 700 से ज्यादा म्यांमार के नागरिक घुसे.

मणिपुर में 3 मई को कुकी समुदाय की ओर से निकाले गए 'आदिवासी एकता मार्च' के दौरान हिंसा भड़की थी. इस दौरान कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसक झड़प हो गई थी. तब से ही राज्य के हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किए जाने के बाद 3 मई को हिंसा भड़क उठी जो अब तक जारी है.

गैर-आदिवासी मैतेई और आदिवासी कुकी समुदाय के लोगों के बीच जातीय संघर्ष में विभिन्न समुदायों के 160 से अधिक लोग मारे गए, 600 से अधिक घायल हो गए और संपत्तियों और घरों का बड़े पैमाने पर विनाश हुआ है. मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 फीसदी है और इनमें से ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं, जबकि 40 प्रतिशत आदिवासी हैं, जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं और ये ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं.

मणिपुर को लेकर संसद में भी हंगामा

मणिपुर हिंसा को लेकर संसद तक में हंगामा हो रहा है. 20 जुलाई से शुरू हुआ मानसून सत्र लगातार स्थगित हो रहा है. विपक्षी दल मणिपुर हिंसा पर बहस करने की मांग कर रहे हैं और दोनों सदनों में पीएम नरेंद्र मोदी के बयान पर अड़े हैं. मणिपुर के मामले पर लोकसभा में कांग्रेस ने बुधवार को अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जिसे बाद में स्पीकर ने स्वीकार कर लिया. अविश्वास प्रस्ताव स्वीकार करने के बाद लोकसभा स्पीकर ने कहा कि वो सभी दलों से बात करने के बाद चर्चा के लिए समय तय करेंगे.

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