Malappuram Nipah Virus Outbreak: केरल में निपाह के लिए 13 लोगों की टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव, स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने दिया लेटेस्ट अपडेट

केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने मंगलवार को बताया कि मलप्पुरम में निपाह वायरस संक्रमण से मरे 24 वर्षीय मरीज के संपर्क में आए 175 लोगों की पहचान की गई है. इनमें से 126 लोगों को उच्च जोखिम श्रेणी में रखा गया है.

Representational Image | File Photo

तिरुवनंतपुरम, 17 सितंबर: केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने मंगलवार को बताया कि मलप्पुरम में निपाह वायरस संक्रमण से मरे 24 वर्षीय मरीज के संपर्क में आए 175 लोगों की पहचान की गई है. इनमें से 126 लोगों को उच्च जोखिम श्रेणी में रखा गया है. वीना जॉर्ज ने ANI से बात करते हुए कहा, "हमने पाया है कि मलप्पुरम में एक छात्र की मौत निपाह वायरस के कारण हुई थी. इस व्यक्ति के संपर्क में आए 175 लोगों में से 126 उच्च जोखिम श्रेणी में हैं, क्योंकि इस वायरस के एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने की संभावना है. हमने घर-घर निगरानी शुरू कर दी है और अब तक लिए गए नमूनों का परीक्षण नकारात्मक आया है."

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स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि पिछले सप्ताह मलप्पुरम जिले में निपाह संक्रमण से मरने वाले 24 वर्षीय व्यक्ति के संपर्क में आए 13 लोगों के नमूनों में संक्रमण की पुष्टि नहीं हुयी है. उन्होंने बताया मृत व्यक्ति के संपर्क में आए कुल 175 लोगों में से उच्च जोखिम श्रेणी में शामिल 13 लोगों के नमूनों की मलप्पुरम के मंजेरी सरकारी मेडिकल कॉलेज में जांच की गई, जिसमें संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई.

मंत्री ने यह भी बताया कि जिला प्रशासन ने 3 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले सभी लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी है. वायरस के फैलाव को रोकने के लिए कई कड़े कदम उठाए गए हैं, जिनमें भीड़ जमा होने पर प्रतिबंध और कंटेनमेंट जोन की स्थापना शामिल है. वीना जॉर्ज ने कहा, "हमने वायरस को फैलने से रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं. संक्रमित पाए गए लोगों के लिए अलगाव कक्ष बनाए गए हैं, और हमने ICMR से सहायता की मांग की है."

इससे पहले दिन में वीना जॉर्ज ने दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात की और निपाह वायरस के प्रकोप के बारे में चर्चा की. मंत्री ने कहा, "यह बैठक पहले से तय थी, और इसमें कई मुद्दों पर चर्चा हुई."

मलप्पुरम में नियंत्रण कक्ष और निगरानी टीमों की तैनाती

16 सितंबर को, मंत्री ने निपाह वायरस को लेकर दो समीक्षा बैठकें कीं, जो ऑनलाइन आयोजित की गईं. मलप्पुरम के सरकारी गेस्ट हाउस परिसर में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, जिसे 0483 2732010 और 0483 2732060 पर संपर्क किया जा सकता है.

केरल के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, निपाह वायरस से संक्रमित व्यक्ति के घर के तीन किलोमीटर के दायरे में फील्ड सर्वे शुरू कर दिया गया है, जिसमें 66 टीमें काम कर रही हैं. रोकथाम के लिए फील्ड स्तर पर ऑपरेशन जारी हैं. पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में किए गए परीक्षणों में 24 वर्षीय युवक, जिसकी 15 सितंबर को मलप्पुरम के एक निजी अस्पताल में मौत हुई थी, निपाह वायरस से संक्रमित पाया गया. मृतक छात्र बेंगलुरु का रहने वाला था.

निपाह वायरस से बचाव के लिए उठाए गए कदम

राज्य सरकार ने वायरस के फैलाव को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए हैं. लोगों को न केवल मास्क पहनने की सलाह दी गई है, बल्कि जांच टीमें लगातार संक्रमित क्षेत्रों में निगरानी कर रही हैं. जिन लोगों के संपर्क में संक्रमित व्यक्ति आया था, उनकी जांच और अलगाव पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.

निपाह वायरस के लक्षण और बचाव के तरीके

निपाह वायरस एक घातक वायरस है, जो जानवरों से इंसानों में फैलता है. इसके लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, सांस लेने में कठिनाई, और मस्तिष्क संबंधी समस्याएं शामिल हैं. निपाह वायरस से बचाव के लिए यह जरूरी है कि संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें, व्यक्तिगत स्वच्छता पर ध्यान दें, और स्वास्थ्य अधिकारियों के दिशा-निर्देशों का पालन करें.

मलप्पुरम में निपाह वायरस के फैलाव को देखते हुए सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने तेजी से कदम उठाए हैं. हालांकि वायरस से बचाव का कोई निश्चित इलाज नहीं है, लेकिन संक्रमण की रोकथाम के लिए सतर्कता और सावधानी अत्यंत आवश्यक है.

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