गांधी जयंती विशेष: महात्मा गांधी के इन पांच आंदोलनों ने हिला दी थी अंग्रेजों की नींव
महात्मा गांधी (फाइल फोटो )

नई दिल्ली:  आज देश में बड़ी धूम से गांधी जयंती मनाई जा रही है. महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था और उनका निधन साल 1948 में हुआ था. उनके निधन के बाद से ही हर साल दो अक्टूबर को गांधी जयंती मनाई जाती है. बापू अब  दुनिया में तो नहीं हैं लेकिन वे लोगों को जो सीख देकर गए है उसके मुताबिक बिना किसी हिंसा  के भी कोई भी लड़ाई को जीता जा सकता है. आइये गांधी जयंती के खास मौके पर जानते हैं बापू द्वारा चलाये गए कुछ महत्वपर्ण आन्दोलन के बारे में. इन आन्दोलनों से बापू ने अंग्रेजों से छक्के छुड़ा दिए थे. इसके बाद अंग्रेजों को भारत छोड़कर भागने पर मजबूर होना पड़ा.

1-चंपारण और खेड़ा सत्याग्रह आन्दोलन

भारत से अंग्रेजो को भगाने  के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा कई आन्दोलन चलाए गए. जिनमें प्रमुख रूम से चंपारण सत्याग्रह, बारदोली सत्याग्रह और खेड़ा सत्याग्रह शामिल है. इन आन्दोलनों को लेकर बापू ने कहा था कि यह ऐसा आन्दोलन है जो पूरी तरह से सच्चाई पर कायम है और इस आंदोलन में हिंसा किसी भी तरह से शामिल नही है. यह भी पढ़े: PM मोदी ने इंडोनेशिया में भूकंप और सुनामी में मारे गये लोगों के प्रति संवेदना जताई

बिहार के उत्तर-पश्चिम में स्थित चंपारण वह इलाका है जहां महात्मा गांधी के सत्याग्रह आन्दोलन की नींव पड़ी. उस समय नील की खेती के नाम पर ब्रिटिश शासन द्वारा किसानों के शोषण के खिलाफ यहां महात्मा गांधी के नेतृत्व में 1917 में सत्याग्रह आंदोलन चला था. इस आन्दोलन के बारे में बताया गया है कि राष्ट्रपिता गांधी जी दक्षिण अफ्रिका से वापस आने के बाद अंग्रेजो को भगाने के लिए सत्यग्राह आन्दोलन का शुरुआत यहीं से की थी.

2- दांडी मार्च

अंग्रेजो को भारत से भगाने के लिए बापू ने दांडी मार्च नामक आन्दोलन चलाया था. इस आन्दोलन को दांडी सत्याग्रह के रूप में भी जाना जाता है. यह आन्दोलन 12 मार्च, 1930  में शुरु हुआ था. यह उनका आन्दोलन ब्रिटिश सरकार के नमक के ऊपर कर लगाने के विरुद्ध में था. इस आन्दोलन के दौरान महात्मा गांधी जी समेत 78 लोगों के द्वारा अहमदाबाद साबरमती आश्रम से समुद्रतटीय गांव दांडी तक पैदल यात्रा करके 12 मार्च 1930 को नमक हाथ में लेकर नमक विरोधी कानून को तोडा था. इस सत्याग्रह के दौरान लोगों को अंग्रेजों की लाठियां भी खानी पड़ी थी. इसके बाद भी सत्याग्रह में शामिल लोग पीछे नहीं मुड़े थे.

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3-खेड़ा सत्याग्रह

खेड़ा सत्याग्रह गुजरात के खेड़ा जिले से अंग्रेजो के खिलाफ शुरू किया गया आन्दोलन था. यह आन्दोलन खेड़ा जिले में किसानों का अंग्रेज सरकार की कर-वसूली के विरुद्ध में गांधी जी ने किया था. इस आन्दोलन को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रेरणा से वल्लभ भाई पटेल एवं अन्य नेताओं के नेतृत्व में शुरू किया गया था. इस सत्याग्रह से गुजरात के जनजीवन में एक नया उत्साह और आत्मविशवास लोगों के अंदर पैदा हुआ.

4-खिलाफत आंदोलन

अंग्रेजों को देश से भगाने को लेकर खिलाफत आंदोलन (1919-1924) में मुख्य रूप मुसलमानों द्वारा चलाया गया राजनीतिक-धार्मिक आंदोलन था. इस आंदोलन का मुख्य रूप से उद्देश्य तुर्की में खलीफा के पद की पुन:स्थापना कराने के लिये ब्रिटिश सरकार (अंग्रेजों) पर दबाव बनाना था.

5-भारत छोड़ो आंदोलन

महात्मा गांधी ने देश से अंग्रेजों को भागने से लिए कई आन्दोलन चलाए  लेकिन उनके द्वारा 9 अगस्त, 1942 ई. में भारत छोड़ो आन्दोलन सबसे ज्यादा और कारगर आन्दोलन साबित हुआ. इस आन्दोलन ने अंग्रेजों की नींव हिला कर रख दी थी. जिसके बाद अंग्रेजों को देश छोड़कर भागने पर मजबूर होना पड़ा.