महाराष्ट्र: कोरोना ही नहीं पानी की किल्लत भी बनी टेंशन, प्यास बुझाने के लिए 10 KM तक चलना पड़ रहा है
कोरोना वायरस से जंग लड़ रही महाराष्ट्र (Maharashtra) के आगे पानी किल्लत भी एक बड़ी समस्या बनकर सामने आ रही है. पिछले कुछ दिनों से कई ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं, जिसमें देखा जा सकता है कि कैसे लोग पानी की तलाश में कई किलोमीटर तक का सफर कर रहे हैं. इसी कड़ी में एक और नया मामला सामने आया है. जहां लोगों को पानी की तलाश में 10 किलोमीटर तक चलकर जाना पड़ रहा है. नाशिक के त्रिम्बकेश्वर तहसील (Trimbakeshwar Tehsil) के गांववाड़ी गांव (Gaonvadi Village) का है. जहां पानी न होने के कारण लोगों को लंबा सफर तय करना पड़ता है. गांव वालों का कहना है कि उनके पास पानी का कोई दूसरा स्रोत नहीं है. जिसके कारण उन्हें पानी के लिए दूर तक जाना पड़ता है, उन्होंने राज्य सरकार से अपील कि है कि उनके लिए कोई व्यवस्था की जाए.
कोरोना वायरस से जंग लड़ रही महाराष्ट्र (Maharashtra) के आगे पानी किल्लत भी एक बड़ी समस्या बनकर सामने आ रही है. पिछले कुछ दिनों से कई ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं, जिसमें देखा जा सकता है कि कैसे लोग पानी की तलाश में कई किलोमीटर तक का सफर कर रहे हैं. इसी कड़ी में एक और नया मामला सामने आया है. जहां लोगों को पानी की तलाश में 10 किलोमीटर तक चलकर जाना पड़ रहा है. नाशिक के त्रिम्बकेश्वर तहसील (Trimbakeshwar Tehsil) के गांववाड़ी गांव (Gaonvadi Village) का है. जहां पानी न होने के कारण लोगों को लंबा सफर तय करना पड़ता है. गांव वालों का कहना है कि उनके पास पानी का कोई दूसरा स्रोत नहीं है. जिसके कारण उन्हें पानी के लिए दूर तक जाना पड़ता है, उन्होंने राज्य सरकार से अपील कि है कि उनके लिए कोई व्यवस्था की जाए.
बता दें कि महाराष्ट्र में हर साल गर्मियों में पानी की किल्लत होती है. पानी की किल्लत एक ऐसा ही मामला कुछ दिनों पहले अमरावती का मेलघाट क्षेत्र से सामने आया था. जहां के लोग कई वर्षों से पानी के संकट से जूझ रहे है. मेलघाट के चिखलदरा तहसील के लोगों को पानी लाने के लिए ऊंचे पहाड़ों से होकर कुंए से पानी लाना पड़ता है. जान को जोखिम में डालने के बाद भी उन्हें दूषित पानी मिलता है, जिसे वो मजबूरन साफ करके पीते हैं.
ANI का ट्वीट:-
गौरतलब हो कि महाराष्ट्र सरकार के सामने इन दिनों कोरोना वायरस के बढ़ते मरीजों की समस्या से जूझ रही है. उसके अलावा राज्य में अन्य मुसीबतें भी सिर उठाए खड़ी हैं. महाराष्ट्र के मराठवाडा, विदर्भ समेत कई जगहों पर पानी की किल्लत की समस्या हर साल उत्पन्न होती है. वहीं जनता को मानसून का इंतजार है ताकि इस तपती गर्मी से उन्हें राहत मिले. अब जनता की नजरें सरकार पर टिकी हैं कि इस विकट संकट के दौरान सरकार उनका सुध कब और कैसे लेती है.