Maharashtra: स्मार्टफोन न मिलने पर बेटे ने किया सुसाइड तो पिता ने भी फंदे से झूलकर दे दी जान

स्मार्टफोन की चाहत ने महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले के मिनाकी गांव में एक पिता और उसके बेटे की जिंदगी छीन ली. इस हृदय विदारक घटना में एक किसान और उसके बेटे ने आत्महत्या कर ली.

Representational Image | Pixabay

नांदेड़: स्मार्टफोन की चाहत ने महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले के मिनाकी गांव में एक पिता और उसके बेटे की जिंदगी छीन ली. इस हृदय विदारक घटना में एक किसान और उसके बेटे ने आत्महत्या कर ली. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, बेटे ने अपने पिता से स्मार्टफोन खरीदने की मांग की थी. लेकिन किसान पिता अपनी आर्थिक समस्याओं के चलते यह इच्छा पूरी नहीं कर सके.

Maharashtra: कार खरीदने वालों को बनाना होगा पार्किंग एरिया सर्टिफिकेट, सरकार ला रही है नया नियम.

घटना की जांच कर रहे सब-इंस्पेक्टर दिलीप मुंडे ने बताया कि लड़के की मां ने पुलिस को बताया कि उसका बेटा लंबे समय से अपने पिता से स्मार्टफोन की मांग कर रहा था. बुधवार शाम को उसने फिर इसकी मांग की.

पिता ने उसे समझाते हुए कहा कि वह स्मार्टफोन नहीं खरीद सकते क्योंकि वह खेती और गाड़ी के लिए लिए गए कर्ज को चुका रहे हैं. इस जवाब से नाराज होकर बेटा घर से निकल गया.

पिता-पुत्र ने की आत्महत्या

जब लड़का देर रात तक घर नहीं लौटा, तो पिता उसे ढूंढने के लिए खेत पर गए. वहां उन्होंने पाया कि उनके बेटे ने आत्महत्या कर ली है. अपने बेटे की इस हालत को देखकर पिता सदमे में आ गए और उन्होंने भी आत्महत्या कर ली. गांववालों और परिवार के अन्य सदस्यों ने खेत में दोनों की लाशें देखीं, जिसके बाद यह मामला सामने आया.

नांदेड़ के पुलिस अधीक्षक अविनाश कुमार ने बताया कि इस मामले में दुर्घटनावश मृत्यु (Accidental Death) का केस दर्ज किया गया है. "लड़के की मां के बयान के आधार पर हमने केस दर्ज किया है और घटना के कारणों की जांच कर रहे हैं."

पुलिस की शुरुआती जांच से यह स्पष्ट हुआ कि किसान पिता कर्ज के बोझ तले दबा हुआ था. खेती और वाहन के लिए लिया गया कर्ज उन्हें स्मार्टफोन जैसी छोटी मांग पूरी करने से भी रोक रहा था.

डिस्क्लेमर: अगर आप या आपका कोई प्रिय व्यक्ति मानसिक तनाव से गुजर रहा है, तो मदद लेना न भूलें.

आत्महत्या रोकथाम और मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन नंबर: टेली मानस (स्वास्थ्य मंत्रालय) – 14416 या 1800 891 4416; निमहंस – + 91 80 26995000 /5100 /5200 /5300 /5400; पीक माइंड – 080-456 87786; वंद्रेवाला फाउंडेशन – 9999 666 555; अर्पिता आत्महत्या रोकथाम हेल्पलाइन – 080-23655557; आईकॉल – 022-25521111 और 9152987821; सीओओजे मानसिक स्वास्थ्य फाउंडेशन (सीओओजे) – 0832-2252525.

Share Now

\