Maharashtra: नवाब मलिक के आरोप को समीर वानखेड़े के पिता ने बताया झूठ, कहा- मेरा नाम दाऊद नहीं, ज्ञानदेव है

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के जोनल निदेशक समीर वानखेड़े पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उनके पिता मुस्लिम हैं और उनका नाम दाऊद वानखेड़े हैं. नवाब मलिक के इस आरोप के बाद समीर वानखेड़े ने गलत बताते हुए कहा कि उनका नाम दाऊद नहीं बल्कि ज्ञानदेव है.

नवाब मलिक व समीर वानखड़े (Photo Credits PTI and Twitter

मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता व महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB)  के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उनके पिता मुस्लिम हैं और उनका नाम दाऊद वानखेड़े (Dawood Wankhede)  हैं. नवाब मलिक के इस आरोप के बाद समीर वानखेड़े ने सफाई दे हुए उनके आरोपों का खंडन किया. वहीं नवाब मलिक के आरोपों पर नाराजगी जाहिर करते हुए उनके पिता ने कहा कि उनका नाम दाऊद नहीं बल्कि ज्ञानदेव है. हर को उन्हें ज्ञानदेव के नाम से ही जानता हैं.

दरअसल नवाब मलिक ने जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के पिता को मुस्लिम होने का आरोप लगते हुए एक कथित जन्म प्रमाण पत्र और  समीर वानखेड़े की शादी की तस्वीर को कैप्शन के साथ ट्वीट किया है, "यहां से शुरू हुआ फर्जी वाड़ा.  पहचान कौन. उन्होंने संदेह जताते हुए कहा कि क्या वानखेड़े ने सरकारी नौकरी पाने के लिए फर्जी जाति प्रमाण पत्र जमा किया था. हालांकि समीर वानखेड़े ने मलिक के आरोपों का खंडन किया. यह भी पढ़े: एनसीबी के समीर वानखेड़े ‘बोगस’ अधिकारी, उनकी नौकरी जाएगी, जेल जाना होगा: नवाब मलिक

बता दें कि नवाब मलिक की तरफ से शेयर किये गये जन्म प्रमाण पत्र में एनसीबी प्रमुख का नाम 'समीर दाऊद वानखेड़े' के रूप में दिखाया गया है, और तस्वीर वानखेड़े की डॉ शबाना कुरैशी के साथ पहली शादी की है, जिसे बाद में उन्होंने तलाक दे दिया और मराठी फिल्मों की अभिनेत्री क्रांति रेडकर से शादी कर ली.

मलिक ने दावा किया कि जन्म प्रमाण पत्र के अनुसार, वानखेड़े एक जन्मजात मुस्लिम हैं, लेकिन कथित तौर पर एक आरक्षित श्रेणी के माध्यम से नागरिक सेवाओं (यूपीएससी) की परीक्षा में शामिल हुए और भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी बन गए. मलिक ने कहा, "उन्होंने (सिविल सेवा) परीक्षा और नौकरी में आरक्षण पाने के लिए दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा किया है. (इनपुट एजेंसी के साथ)

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