मध्य प्रदेश: COVID-19 वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद भी सिविल सर्जन हुआ कोरोना संक्रमित, मचा हड़कंप
कोरोना वैक्सीन (Photo Credits: PTI)

भोपाल: भारत में अब तक कोविड-19 (COVID-19) वैक्सीन 1.77 करोड़ से अधिक लोगों को लगाई जा चुकी है. इस बीच मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बैतूल (Betul) जिले से एक चौकाने वाला मामला सामने आया है. स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक जहां कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद भी जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ अशोक बारंगा (Ashok Baranga) घातक वायरस से संक्रमित हो गए है. कोवैक्सीन की प्रभावशीलता संबंधी आंकड़े आने के बाद भाजपा ने साधा कांग्रेस पर निशाना

प्राप्त जानकारी के अनुसार 61 वर्षीय डॉ अशोक बारंगा ने 16 जनवरी को अन्य डॉक्टरों के साथ कोरोना वैक्सीन की पहली डोज ली और इसके बाद 22 फरवरी को दूसरा डोज लगवाया. लेकिन उन्हें बुधवार को हल्का बुखार हुआ, जिसके बाद उन्होंने अपना कोविड टेस्ट करवाया, तो उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई. इस खबर से अन्य डॉक्टरों में हड़कंप का माहौल हो गया है. फ़िलहाल बारंगा को होम क्वारंटाइन किया गया है.

बैतूल जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ डब्ल्यूए नागले ने लोगों से अपील की है कि कोरोना वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है और इस पर संदेश नहीं करना चाहिए. उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के विरुद्ध लगने वाली वैक्सीन दोनों डोज के 14 दिन बाद शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता पूर्ण रूप से विकसित करती है. जबकि डॉ अशोक बारंगा को कोरोना संक्रमण वैक्सीन लगने के 10 दिन बाद ही हुई है, इसलिए कोरोना वैक्सीन को लेकर मन में भ्रम पालना सही नहीं है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक आज सुबह 7 बजे तक प्राप्त अस्थायी रिपोर्ट के अनुसार 3,23,064 सत्रों के माध्यम से 1,66,16,048 से अधिक वैक्सीन की खुराक दी जा चुकी हैं. इनमें 67,90,808 एचसीडब्ल्यू (पहली खुराक), 28,72,725 एचसीडब्ल्यू (दूसरी खुराक), 58,03,856 एफएलडब्ल्यू (पहली खुराक) और 4202 एफएलडब्ल्यू (दूसरी खुराक), 45 वर्ष से अधिक आयु के गंभीर रोगों से ग्रस्त 1,43,759 लाभार्थी को (पहली खुराक) और 60 वर्ष से अधिक आयु वाले 10,00,698 लाभार्थियों को दी गई खुराक शामिल हैं.