नयी दिल्ली, 10 मार्च : विवादों में घिरे तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के मुद्दे पर लोकसभा (Lok Sabha) में बुधवार को कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई . कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के कारण प्रश्नकाल और शून्यकाल भी बाधित रहा. दो बार के स्थगन के बाद दोपहर 2.30 बजे कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस सदस्यों का शोर शराबा जारी रहा . सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chaudhary) ने कहा,‘‘ हम सुबह से देश के किसानों की व्यथा को व्यक्त करना चाहते हैं . देशभर में लाखों की संख्या में किसान परेशान है . इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए .’’ इस दौरान कांग्रेस सदस्यों ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए नारेबाजी की . हंगामे के बीच ही पीठासीन सभापति मीनाक्षी लेखी ने रेल मंत्रालय से जुड़ी अनुदान की मांगों पर चर्चा शुरू करायी . भाजपा के रामकृपाल यादव (Ramkripal Yadav) ने चर्चा की शुरूआत करते हुए कहा कि रेलवे देश की जीवन रेखा है . कोरोना काल में 13 लाख कर्मियों के रेल परिवार ने जिस तरह से योगदान दिया है, वह सराहनीय है . हालांकि, कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के कारण पीठासीन सभापति ने कार्यवाही दिनभर के लिये स्थगित कर दी . इससे पहले, एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12.30 बजे कार्यवाही शुरू होने पर पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने आवश्यक दस्तावेज सभापटल पर रखवाये . इस दौरान अग्रवाल ने कहा कि कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में फैसला किया गया है कि शुक्रवार को सभा की बैठक नहीं होगी .
गौरतलब है कि 11 मार्च को महाशिवरात्रि होने के कारण संसद में अवकाश है . ऐसे में अब लोकसभा की बैठक सोमवार सुबह 11 बजे होगी . हंगामे के बीच ही सदन ने संक्षिप्त चर्चा के बाद अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने से संबंधित ‘दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र विधि (विशेष उपबंध) दूसरा (संशोधन) अधिनियम-2021’ को मंजूरी प्रदान की. कांग्रेस सदस्यों का शोर शराब जारी रहने पर पीठासीन सभापति ने सदन की कार्यवाही 2.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. इससे पहले सुबह सदन की कार्यवाही आरंभ होने साथ ही कांग्रेस के सदस्य कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे. तृणमूल कांग्रेस के कुछ सदस्यों को भी आसन के समीप देखा गया . निचले सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘‘दिल्ली की सीमा पर आंदोलन कर रहे किसानों के कथित आत्महत्या की खबर आ रही है, ऐसे में हम कैसे चुप रहे सकते हैं ?’’ कांग्रेस सहित कुछ अन्य दलों के सदस्यों ने भी कार्यस्थगन नोटिस का विषय उठाया . कांग्रेस सदस्यों के शोर शराबे पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, ‘‘आपके कार्यास्थगन प्रस्ताव पर कोई फैसला नहीं किया गया. फिर भी शोर शराबा कर रहे हैं. क्या आप भविष्य वक्ता हैं?’’ उन्होंने कहा, ‘‘(सपा के वरिष्ठ नेता) मुलायम सिंह यादव साहब, इन लोगों को समझाइए . यह भी पढ़ें : BJP के सभी सदस्य टीकाकरण करवाने में लोगों की मदद करें : प्रधानमंत्री
उन्होंने कहा कि आप (विपक्षी सदस्य) बिना विषय के रोज व्यवधान पैदा करते हैं. यह गलत बात है.’’ बिरला ने विपक्षी सदस्यों से अपने स्थान पर जाने की अपील करते हुए कहा, ‘‘आपने खुद फैसला किया था कि प्रश्नकाल चलने देंगे. यह सामूहिक फैसला था.’’इसके बाद उन्होंने हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल को आगे बढ़ाया. कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सदस्य अध्यक्ष के निकट पहुंचकर नारेबाजी कर रहे थे. उन्होंने ‘काले कानून वापस लो’ और ‘प्रधानमंत्री जवाब दो’ के नारे लगाए. सदन में शोर-शराबे के बीच करीब आधे घंटे तक प्रश्नकाल चलाने के बाद बिरला ने विपक्षी सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और कार्यवाही चलने देने की एक बार फिर अपील की. उन्होंने कहा, ‘‘आपको जनता ने चर्चा और संवाद के लिए सदन में भेजा है, लेकिन आप लोग रोज नारेबाजी करते हैं और अमर्यादित व्यवहार करते हैं...ये आपका गलत तरीका है...हमें संसद की मर्यादा रखनी चाहिए.’’ सदन में स्थिति ज्यों की त्यों बनी रहने पर बिरला ने करीब 11.30 बजे सभा की बैठक दोपहर 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. इससे पहले, सोमवार और मंगलवार को पेट्रोल, डीजल एवं रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी के मुद्दे पर कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही बाधित हुई थी.