Lok Sabha Election 2024: निष्पक्ष चुनाव को लेकर EC की सख्ती, गड़बड़ी या पक्षपातपूर्ण घटना के लिए DM-SP होंगे जिम्मेदार

लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2024 पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से होगा. अगर किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में कोई गड़बड़ी या पक्षपातपूर्ण की घटना पाई जाती है तो इसके जिम्मेदार जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक होंगे.

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लखनऊ, 2 मार्च : लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2024 पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से होगा. अगर किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में कोई गड़बड़ी या पक्षपातपूर्ण की घटना पाई जाती है तो इसके जिम्मेदार जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक होंगे. इन बातों का जिक्र मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने शनिवार को विधान भवन के तिलक हाल में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान किया. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में लोकसभा सामान्य निर्वाचन को लेकर की जा रही तैयारियों से आयोग संतुष्ट है.

प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने सबसे पहले अपने तीन दिवसीय दौरे के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग की टीम ने दौरे के पहले दिन राष्ट्रीय एवं राज्य मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ बैठक की थी. इस दौरान विभिन्न दलों के प्रतिनिधियों की तरफ से आयोग की टीम को कुछ सुझाव एवं आग्रह प्राप्त हुए थे, जिन पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने एक-एक करके अपनी बात रखी. यह भी पढ़ें : Loksabha Election 2024: गौतम गंभीर के बाद जयंत सिन्हा ने भी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का किया ऐलान

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि मतदान के बाद सभी ईवीएम मतदान केंद्र से स्ट्रांग रूम तक सरकारी वाहन में भेजे जाएंगे. चुनाव के दौरान पहले प्रत्याशियों को 50-50 चेक की चार चेकबुक बैंक से बारी-बारी से प्राप्त होती थी. इससे उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था क्योंकि चुनाव के दौरान छोटे-छोटे खर्चे भी प्रत्याशियों को चेक के माध्यम से करने पड़ते थे. इस बार प्रत्याशी 200 चेक की चेकबुक बैंक से प्राप्त कर सकेंगे. इस संबंध में बैंकों को निर्देशित किया जा चुका है. मतदाताओं की सुलभता एवं मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए हाईराइज बिल्डिंग में मतदान केंद्र बनाएं जाएंगे.

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशियों को तीन बार समाचार पत्रों में अपनी आपराधिक छवि के बारे में प्रकाशित करवाना पड़ेगा. इसके अलावा राजनीतिक दलों को भी समाचार पत्रों में यह प्रकाशित करवाना पड़ेगा कि क्यों उन्होंने अपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशी का चुनाव किया है. पूर्व में हुए चुनावों में जिन निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान कम होता आया है, उनका चिन्हांकन कर वहां पर मतदान प्रतिशत बढ़ाने का आयोग की तरफ से प्रयास किया जा रहा है.

आयोग ने बताया कि इस बार प्रकाशित हुए इलेक्ट्रोल रोल में उत्तर प्रदेश में अब तक 15 करोड़ 29 लाख 22 हजार मतदाता हैं, जिसमें महिलाओं की संख्या 7.15 करोड़ है. वहीं, 100 वर्ष से अधिक के मतदाताओं की संख्या 31 हजार है. इस बार थर्ड जेंडर, दिव्यांगजन और नए मतदाताओं की संख्या बढ़ी है.

उन्होंने कहा कि 2024 में सभी को समान अवसर मिलेंगे. अफसरों और पुलिस को निष्पक्ष तरीके से काम करने का निर्देश दिया गया है. चुनाव में धन और बाहुबल का प्रयोग नहीं होगा. इस बार के चुनाव में तकनीक का सर्वाधिक इस्तेमाल किया जा रहा है. इस बार तीन एप लाए जा रहे हैं. एक एप से मतदाता चुनाव में होने वाले प्रलोभन, शराब और पैसों के वितरण के बारे में सीधे चुनाव आयोग से शिकायत कर सकते हैं. वोटर हेल्पलाइन दूसरा एप्लिकेशन है, जिससे वोटर अपनी जानकारी ले सकता है. 'नो योर कैंडिडेट' एप्लिकेशन के माध्यम से वोटर अपने उम्मीदवार की सारी जानकारी ले सकेंगे.

प्रदेश में आए भारत निर्वाचन आयोग की टीम में मुख्य निर्वाचन आयुक्त के साथ निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल, वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त धर्मेंद्र शर्मा, नितेश व्यास, उप निर्वाचन आयुक्त अजय भादू, हिरदेश कुमार, आरके गुप्ता, एमके साहू, महानिदेशक बी. नारायण, निदेशक दीपाली मासिरकर, निदेशक शुभ्रा सक्सेना, सचिव पवन दीवान और संयुक्त निदेशक अनुज चांडक मौजूद रहें.

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