लॉकडाउन: UP-मध्‍य प्रदेश बॉर्डर पर प्रवासी मजदूरों को रोके जाने पर भीड़ हुई उग्र, पुलिस की बैरिकेड तोड़ यूपी में किया प्रवेश- देखें वीडियो

खबरों के अनुसार लॉकडाउन के चलते फंसे हजारों की तादाद में प्रवासी मजदूर शनिवार को उत्तर प्रदेश जा रहे थे. जिन्हें मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के रीवा के चाकघाट बॉर्डर पर रोक दिया गया. इस बीच प्रवासी मजदूर जीद पर अड़ गए कि ठीक है वे घर को नहीं जाएंगे क्या पुलिस उनके खाने और रहने की व्यवस्था करेगी

प्रवासी मजदूर (Photo Credits ANI)

लॉकडाउन के चलते अलग-अलग राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूर (Migrant workers) हजारों की संख्या में पैदल ही घर जा रहे है. इस बीच सड़क पर हादसे से भी हो रहे हैं. लेकिन भूख से तड़पते मजदूरों का कहना है कि वे कब तक बिना खाये-पिए कही पर रह सकते हैं. ऐसे में उन्हें जब भूखे से ही रहना है तो वे अपने घर क्यों ना जाए. इस बीच उन्हें पुलिस जरूर रास्ते में रोकने की कोशिश कर रही है. लेकिन प्रवासी मजदूर किसी का नहीं सुन रहे हैं. इसके लिए उन्हें भले ही पुलिस की लाठी खानी पड़ रही है. ऐसा ही कुछ मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के रीवा के चाकघाट बॉर्डर पर देखने को मिला. इस रास्ते से होकर बड़े पैमाने पर मजदूर अपने घर को जा रहे थे. इस बीच उन्हें मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर उन्हें रोके जाने के बाद उन्होने पुलिस का बैरिकेड तोड़ उत्तर प्रदेश में किया.

खबरों के अनुसार  लॉकडाउन के चलते फंसे हजारों की तादाद में प्रवासी मजदूर शनिवार को महाराष्ट्र और गुजरात से उत्तर प्रदेश जा रहे थे. जिन्हें मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के रीवा के चाकघाट बॉर्डर पर रोक दिया गया. इस बीच प्रवासी मजदूर जीद पर अड़ गए की ठीक है वे घर नहीं जाएंगे. ऐसे में क्या पुलिस उनके खाने और रहने की व्यवस्था करेगी. पुलिस की तरफ से कोई जवाब नहीं मिलने पर प्रवासी मजदूरों ने पुलिस के  बैरिकेड तोड़ उत्तर प्रदेश में प्रवेश  किया. इस बीच वहां पर खड़ी पुलिस कुछ कर नहीं पाई. यह भी पढ़े: सुनिश्चित करें कि प्रवासी मजदूर सड़कों पर पैदल न चलें : दिल्ली सरकार ने अधिकारियों से कहा

देखें वीडियो: 

इससे पहले उत्तर प्रदेश से  बिहार के सहारपुर लौट रहे मजदूरों को प्रशासन द्वारा रोके जाने के बाद प्रवासी मजदूरों का गुस्सा भड़क गया. जिसके बाद उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सड़क को जाम कर दिया. मजदूरों ने पुलिस प्रशासन से मांग किया कि या तो उन्हें आगे बढ़ने दिया जाए या फिर उनकी वापसी के लिए ट्रेन की व्यवस्था की जाए. अन्यथा वे सड़क से नहीं हटेंगे.  जिसके बाद प्रशासन ने लोगों के लिए बस की व्यवस्था करके लोगों को उनके घर तक पहुंचवाया.

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