माता-पिता को दिल्ली स्टेशन पर छोड़, अकेले मथुरा पहुंचा डेढ़ साल का बच्चा

घर से बेंगलुरु (Bengaluru) जाने के लिए निकले परिवार के साथ रविवार को हुई ध्क घटना खट्टी-मीठी यादों वाली बन गई, जब उनका डेढ़ साल का बच्चा माता-पिता को छोड़कर अकेले ट्रेन से मथुरा (Mathura) पहुंच गया लेकिन रेलपे की मदद से कुछ ही घंटों में पूरा परिवार फिर साथ था.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

मथुरा, 24 दिसंबर : घर से बेंगलुरु (Bengaluru) जाने के लिए निकले परिवार के साथ रविवार को हुई ध्क घटना खट्टी-मीठी यादों वाली बन गई, जब उनका डेढ़ साल का बच्चा माता-पिता को छोड़कर अकेले ट्रेन से मथुरा (Mathura) पहुंच गया लेकिन रेलवे की मदद से कुछ ही घंटों में पूरा परिवार फिर साथ था.

रेलवे चाइल्ड लाइन (Railway child line) के कोऑर्डिनेटर (Coordinator) सईद ने बताया कि रविवार की शाम रेलवे नियंत्रण कक्ष से सूचना मिली की दिल्ली से बेंगलुरु जा रही कर्नाटक एक्सप्रेस (12628) में सवार होने के लिए स्टेशन पहुंचे एक परिवार के साथ यह हादसा हुआ है और मापा-पिता स्टेशन पर रह गए हैं जबकि डेढ़ साल का बच्चा ट्रेन में सवार हो गया हैउन्होंने बताया कि सूचना पाकर टीम मथुरा स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार कर रही थी. प्राप्त सूचना के आधार पर टीम ने बच्चे को उतारा और उसके परिवार को सूचित किया. यह भी पढ़ें : देश की खबरें | शाही ईदगाह मस्जिद हटाने को लेकर मथुरा अदालत में नवीन याचिका

उन्होंने बताया, ‘‘उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के जटपुराखेड़ा निवासी मुस्तकीम और उसकी पत्नी अपने बच्चे अदनान के साथ नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से रविवार की शाम साढ़े सात बजे कर्नाटक एक्सप्रेस में सवार होने वाले थे. स्टेशन पर ही उनकी दोस्ती बिजनौर निवासी हबीबा नामक महिला से हुई, जो अपने पति के साथ उसी ट्रेन पर सवार होने वाली थी.’’

उन्होंने बताया कि स्टेशन पर बातचीत के दौरान हबीबा ने अदनान को अपनी गोद में ले लिया और उसे लेकर ट्रेन की कोच संख्या एस -12 में सवार हो गई. लेकिन जब तक मुस्तकीम और उसकी पत्नी ट्रेन में सवार हो पाते, ट्रेन चल दी और दोनों स्टेशन पर ही रह गए. सईद ने बताया कि मुस्तकीम ने तुरंत इसकी सूचना रेलवे को दी. रेलवे चाइल्ड लाइन ने राजकीय रेलवे पुलिस की मदद से बच्चे को बरामद कर लिया. यह भी पढ़ें : देश की खबरें | मथुरा के मंदिर में नमाज अदा करने के मामले में गिरफ्तार फैसल खान की जमानत मंजूर

उन्होंने बताया, ‘‘देर रात डेढ़ बजे मुस्तकीम और उसकी पत्नी इंटरसिटी एक्सप्रेस से मथुरा पहुंचे. सामान्य औपचारिकताएं पूरी करने के बाद बच्चा उन्हें सौंप दिया गया.’’

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