चारा घोटाला: जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट गए लालू प्रसाद यादव, दायर की स्पेशल लीव पिटीशन
लालू प्रसाद यादव ने बढ़ती उम्र, बीमारियों का हवाला देकर स्पेशल लीव पिटीशन सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की है.
चारा घोटाले के मामलों में सजायाफ्ता राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से जमानत की गुहार लगाई है. उन्होंने बढ़ती उम्र, बीमारियों का हवाला देकर स्पेशल लीव पिटीशन (SLP) सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की है. लालू प्रसाद ने एसएलपी के जरिए चारा घोटाले के देवघर, चाईबासा और दुमका मामले में जमानत दिए जाने की दरख्वास्त सुप्रीम कोर्ट से की है. इन तीनों मामलों में झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) गंभीर आरोपों का हवाला देते हुए उनकी जमानत याचिका पहले ही खारिज कर चुका है.
झारखंड हाई कोर्ट ने इसी साल 10 जनवरी को लालू प्रसाद यादव को बड़ा झटका देते हुए जमानत देने से साफ इनकार कर दिया था. झारखंड हाई कोर्ट में दाखिल की गई याचिका में लालू प्रसाद ने उम्र, बीमारी के साथ-साथ आरजेडी के प्रमुख होने का हवाला देकर जमानत देने आग्रह किया था. याचिका में कहा गया था कि लोकसभा चुनाव होने वाला है, पार्टी प्रमुख होने के नाते उम्मीदवारों को सिंबल देने के लिए हस्ताक्षर की जरूरत पड़ेगी. इसलिए उन्हें जमानत की सुविधा प्रदान की जाए. लेकिन सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने उनकी जमानत खारिज कर दी थी. लालू फिलहाल चारा घोटाले से ही जुड़े मामले में सजायाफ्ता हैं और रांची स्थित रिम्स में इलाजरत हैं. यह भी पढ़ें- तेजस्वी यादव के बंगले में शिफ्ट हुए सुशील मोदी, कहा- करोड़ों खर्च कर के बंगले को बनाया था 7 स्टार होटल
गौरतलब है कि देवघर ट्रेजरी मामले में (आरसी 64 ए-96)- 23 दिसम्बर 2017 को दोषी करार दिए जाने के बाद 6 जनवरी 2018 को लालू समेत 16 आरोपियों को साढ़े तीन साल की सजा सुनाई गई. चाईबासा ट्रेजरी मामले में भी (आरसी 68 ए-96) - 24 जनवरी 2018 को लालू दोषी करार दिए गए. इसी दिन उन्हें पांच साल की सजा सुनाई गई. दुमका ट्रेजरी मामले में (आरसी 38 ए-96), मार्च 2018 में लालू यादव दोषी करार दिए गए जबकि पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र बरी हुए. 24 मार्च को लालू को 14 साल जेल की सजा सुनाई गई.