कृष्ण जन्माष्टमी 2020: कोरोना वायरस के कारण, इस्कॉन मंदिर में इस बार मनाया जाएगा पहला वर्चुअल जन्मदिन

पूरी दुनिया में जन्माष्टमी (Janmashtami 2020) बड़े धूमधाम से मनाई जाती है. जन्माष्टमी के दिन भक्त भगवान श्रीकृष्ण की विधि-विधान से पूजा करते हैं. उनके प्रसिद्ध मंदिरों में जाकर उनका दर्शन करते हैं. लेकिन इस साल भगवान श्री कृष्ण की जन्माष्टमी पर कोरोना का साया मंडरा रहा है. पिछले कुछ महीनों से देश के भीतर कोरोना के कारण त्योहारों को लोगों ने अपने अंदाज में नहीं मनाया. वहीं अब जो आने वाले हैं. उन त्योहारों पर भी कोरोना का संकट मंडराने लगा है. 12 अगस्त को जन्माष्टमी मनाया जाएगा. केंद्र सरकार ने अनलॉक डाउन के तहत रियतें तो दी हैं लेकिन उसके साथ गाइडलाइन भी जारी की है. जैसे की सोशल दिस्टेंसिंग का पालन करना और मास्क पहनना. वहीं मंदिरों में भीड़ इकठ्ठा न हो. ऐसे कई नियमों को जारी किया है.

भगवान श्रीकृष्ण (Photo Credits: Pixabay)

पूरी दुनिया में जन्माष्टमी (Janmashtami 2020) बड़े धूमधाम से मनाई जाती है. जन्माष्टमी के दिन भक्त भगवान श्रीकृष्ण की विधि-विधान से पूजा करते हैं. उनके प्रसिद्ध मंदिरों में जाकर उनका दर्शन करते हैं. लेकिन इस साल भगवान श्री कृष्ण की जन्माष्टमी पर कोरोना का साया मंडरा रहा है. पिछले कुछ महीनों से देश के भीतर कोरोना के कारण त्योहारों को लोगों ने अपने अंदाज में नहीं मनाया. वहीं अब जो आने वाले हैं. उन त्योहारों पर भी कोरोना का संकट मंडराने लगा है. वैसे तो केंद्र सरकार ने अनलॉक डाउन के तहत रियतें तो दी हैं लेकिन उसके साथ गाइडलाइन भी जारी की है. जैसे की सोशल दिस्टेंसिंग का पालन करना और मास्क पहनना. वहीं मंदिरों में भीड़ इकठ्ठा न हो. ऐसे कई नियमों को जारी किया है. 12 अगस्त को जन्माष्टमी मनाया जाएगा.

वहीं, इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस यानी इस्कॉन ने भी बड़ा फैसला लिया है. इस्कॉन-बेंगलुरु के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और अक्षय पात्र फाउंडेशन के उपाध्यक्ष चंचलापति दासा ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा है, "जैसा कि आप जानते हैं, देश इस वक्त कोरोना महामारी से जूझ रहा है. हमारे मंदिरों में हर दिन जन्माष्टमी पर लाखों की संख्या में भक्त आते हैं. लेकिन इस बार कोरोना के कारण यह संभव नहीं है. लेकिन भक्त अपने आराध्य देव का दर्शन कर सकें इसकी व्यवस्था की जा रही है. जिसके लिए वर्चुअल live प्रसारण का सहारा लिया जाएगा.

उन्होंने कहा कि चूंकि वृंदावन भगवान कृष्ण के बचपन का एक प्रमुख हिस्सा है, इसलिए इस्कॉन मंदिर में मंदिर के हॉल में वैष्णव आचार्यों द्वारा दिन भर भजन-कीर्तन के बाद भगवान का भव्य अभिषेक किया जाएगा और उनका वर्चुअल लाइव से सीधा प्रसारण होगा. जिसमें श्री कृष्ण के जीवन से जुड़ी कई किस्सों को दर्शाया जाएगा. वर्च्युल लाइव के दौरान भक्त भगवान के जीवन और उनके संदेश के बारे में सवाल भी पूछ सकते हैं. वहीं इस्कॉन ने जाने-माने भजन गायकों अनुराधा पौडवाल और अनूप जलोटा और कुछ अन्य संगीतकारों द्वारा विभिन्न संगीत समारोहों की व्यवस्था की है. इसके अलावा, शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुतियां होंगी जो भगवान श्रीकृष्ण के पारमार्थिक अतीत और गुणों को दर्शाती हैं.

उन्होंने कहा कि इस्कॉन न केवल अपनी आध्यात्मिक और धार्मिक गतिविधियों के लिए जाना जाता है, बल्कि यह सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए भी एक केंद्र है. हम सांस्कृतिक पुनरुद्धार और कृष्ण और उनकी लीलाओं को मनाने के लिए इसे एक मंच पर लाने पर विश्वास करते हैं. जन्माष्टमी का त्योहार भाद्रपद माह के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में मनाया जाता है. कई बार ग्रहों की चाल के चलते यह तिथि और रोहिणी नक्षत्र एक नहीं हो पाते हैं.

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