Gita Jayanti 2024 Wishes in Sanskrit: शुभ गीता जयंती! इन शानदार Shlokas, Quotes, WhatsApp Messages, Facebook Greeting के जरिए संस्कृत में दें शुभकामनाएं
गीता जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)

Gita Jayanti 2024 Wishes in Sanskrit: हर साल मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जहां मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi) का व्रत किया जाता है तो वहीं इस पावन तिथि पर गीता जयंती (Gita Jayanti) का पर्व भी मनाया जाता है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, इस साल 11 दिसंबर 2024 को गीता जयंती मनाई जा रही है. दरअसल, हिंदू धर्म में श्रीमद्भगवत गीता (Shrimad Bhagwad Gita) का विशेष महत्व बताया जाता है, क्योंकि सभी पौराणिक ग्रंथों में यही एकमात्र ऐसा ग्रंथ है जिसकी जयंती मनाई जाती है. कहा जाता है कि गीता में भगवान श्रीकृष्ण द्वारा दिए गए अनमोल उपदेश आज भी मुश्किल हालात में इंसानों का मार्गदर्शन करने में मददगार साबित होते हैं. श्रीमद्भगवत गीता में कुल 18 अध्याय हैं, जिसमें पहले के 6 अध्यायों में कर्मयोग, दूसरे के 6 अध्यायों में ज्ञानयोग और आखिरी के 6 अध्यायों में भक्तियोग के उपदेश दिए गए हैं.

प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, द्वापर युग में महाभारत के युद्ध से ठीक पहले कुरुक्षेत्र में श्रीकृष्ण ने मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी को अपने मुख से अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था, इसलिए ऐसा माना जाता है कि इसी दिन श्रीमद्भगवत गीता का जन्म हुआ. ऐसे में इस अवसर पर आप इन शानदार श्लोक, विशेज, कोट्स, वॉट्सऐप मैसेजेस, फेसबुक ग्रीटिंग्स को शेयर करके अपनों को संस्कृत में गीता जयंती की शुभकामनाएं दे सकते हैं.

1- अथ चेत्वमिमं धर्म्यं संग्रामं न करिष्यसि
ततः स्वधर्मं कीर्ति च हित्वा पापमवाप्स्यसि।।
भावार्थ: यदि तुम युद्ध करने के स्वधर्म को सम्पन्न नहीं करते तो तुम्हें निश्चित रूप से अपने कर्तव्यों की उपेक्षा करने का पाप लगेगा और तुम योद्धा के रूप में अपना यश खो दोगे.

गीता जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)

2- वासांसि जीर्णानि यथा विहाय
नवानि गृह्णाति नोरोपणानि।
तथा शरीराणि विहाय जीर्णान्य
न्यानि संयाति नवानि देहि।।
भावार्थ: जिस तरह मनुष्य पुराने कपड़े को त्यागकर नए कपड़े पहनता है, ठीक उसी प्रकार आत्मा भी पुराने और व्यर्थ शरीर का त्याग कर नए शरीर को धारण करती है.

गीता जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)

3- सुखदुखे समे कृत्वा लाभालाभौ जयाजयौ।
तो युद्धाय युज्यस्व नैवं पापमवाप्स्यसि।।
भावार्थ: कृष्ण अर्जुन से कहते हैं- तुम सुख-दुख, लाभ-हानि, विजय-पराजय का विचार किए बिना केवल युद्ध के लिए युद्ध करो. इससे तुम्हें कभी पाप नहीं लगेगा.

गीता जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)

4- जातस्य हि ध्रुवो मृत्युर्ध्रुवं जन्म मृतस्य च।
तस्मादपरिहार्येथे न त्वं शोचितुमर्हसि।।
भावार्थ: जिसने इस संसार में जन्म लिया है उसकी मृत्यु निश्चित है और मृत्यु के बाद पुनर्जन्म भी निश्चित है, इसलिए अपने अपरिहार्य कर्तव्यपालन में शोक नहीं करना चाहिए.

गीता जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)

5- नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः।
न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः।।
भावार्थ: आत्मा न तो किसी शस्त्र द्वारा खंड-खंड हो सकती है, न ही अग्नि इसे जला सकती है,  न जल इसे भिगा सकती है और न वायु इसे सुखा सकती है.

गीता जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)

गौरतलब है कि श्रीमद्भगवत गीता में इंसान के जन्म से लेकर मौत तक के चक्र और मृत्यु के बाद के चक्र को विस्तारपूर्वक बताया गया है. यह पवित्र ग्रंथ जगत के पालनहार भगवान विष्णु के आठवें अवतार भगवान श्रीकृष्ण के उपदेशों पर आधारित है. श्रीमद्भगवत गीता में श्रीकृष्ण ने जीवन और मृत्यु के गूढ़ रहस्य के बारे में बताया है. जिस प्रकार श्रीकृष्ण के उपदेश से अर्जुन के लिए महाभारत (Mahabharat) का युद्ध जीतना संभव हो सका, ठीक उसी तरह से गीता के ज्ञान से हर व्यक्ति जीवन में आने वाली कठिन परिस्थियों को मात देकर उनपर विजय प्राप्त कर सकता है.