Karnataka Ramadan Guidelines: कर्नाटक ने रमज़ान के लिए दिशा-निर्देश जारी किए
कर्नाटक सरकार ने राज्य में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर रमज़ान में मुस्लिम समुदाय के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं और रोज़ेदारों से घर में ही ‘इफ्तार’ करने (रोज़ा या व्रत तोड़ने) तथा मस्जिद में सिर्फ नमाज़ पढ़ने के लिए जाने की अपील की है.
बेंगलुरु, 14 अप्रैल : कर्नाटक सरकार (Government of Karnataka) ने राज्य में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर रमज़ान में मुस्लिम समुदाय के लिए दिशा-निर्देश (Guidelines) जारी किए हैं और रोज़ेदारों से घर में ही ‘इफ्तार’ करने (रोज़ा या व्रत तोड़ने) तथा मस्जिद में सिर्फ नमाज़ पढ़ने के लिए जाने की अपील की है. राज्य सरकार ने कहा है कि संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए जरूरी है कि कोविड-19 (COVID-19) उपयुक्त व्यवहार का सख्ती से पालन हो, खासकर रमज़ान के महीने में, जब लोग बड़ी संख्या में एक-साथ जुटते हैं. सरकार की ओर से जारी परिपत्र के मुताबिक, 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोग, पहले से किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित लोग, गर्भवती महिलाएं और 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे घर में ही रहें.
बड़ी संख्या में लोगों के जुटने पर रोक है और मस्जिदों में एक-दूसरे से दूरी के नियम का पालन किया जाए. मस्जिदों में कतारों का प्रबंधन करने के लिए फर्श पर निशान लगाए जाएं और मास्क लगाना अनिवार्य होना चाहिए. परिपत्र में कहा गया है कि मस्जिदों में प्रवेश की व्यवस्था ऐसी हो की भीड़ न लगे. उसमें कहा गया है कि मस्जिद में प्रवेश के दौरान थर्मल स्क्रीनिंग (शरीर के तापमान की जांच) हो और लोगों के हाथ सैनेटाइज़ कराएं जाएं. यह भी पढ़ें : Corona Vaccine: बसपा मुखिया बोलीं- सभी गरीबों-जरूरमंदों को फ्री में लगे कोरोना वैक्सीन
मुसलमानों को सलाह दी गई है कि वह घर पर ‘इफ्तार’ करें और मस्जिद में सिर्फ नमाज़ पढ़ने के लिए पहुंचे. परिपत्र में कहा गया है कि मस्जिद को बार-बार साफ और संक्रमण मुक्त किया जाए. जो लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाएं, वे तत्काल पृथक हो जाएं और चिकित्सा केंद्र को सूचित करें. सरकार ने मस्जिद से जुड़े जिम्मेदारों से कहा है कि वे नमाज़ियों को इसे लेकर संवेदनशील करें कि महामारी के दौरान क्या करना है और क्या नहीं करना है.