Kolkata Doctor Rape Murder: आंदोलनकारी डॉक्टरों ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से की हस्तक्षेप की मांग
कोलकाता में जूनियर डॉक्टरों ने बलात्कार और हत्या के मामले में न्याय की मांग करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को चार पन्नों का एक पत्र लिखा है. इस पत्र में डॉक्टरों ने केंद्र सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप की अपील की है.
Kolkata Doctor Rape Murder: कोलकाता में जूनियर डॉक्टरों ने बलात्कार और हत्या के मामले में न्याय की मांग करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को चार पन्नों का एक पत्र लिखा है. इस पत्र में डॉक्टरों ने केंद्र सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप की अपील की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को भी इस पत्र की प्रतियां भेजी गई हैं. वेस्ट बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट द्वारा लिखे गए इस पत्र में डॉक्टरों ने अस्पतालों में अपनी सुरक्षा में सुधार की मांग की है और इस मामले को लेकर केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगाई है.
डॉक्टरों का कहना है कि "हम अपनी स्थिति को राष्ट्रपति महोदया के सामने रखते हैं ताकि हमारे उस दुर्भाग्यपूर्ण साथी को न्याय मिल सके, जो इस जघन्य अपराध का शिकार हुआ है. इसके साथ ही, हम स्वास्थ्य सेवाओं को बिना किसी भय के जनता के प्रति निर्वहन कर सकें."
इस पत्र में डॉक्टरों ने राष्ट्रपति से गुहार लगाते हुए कहा है कि "आपका इस समय हस्तक्षेप हमारे लिए एक प्रकाशस्तंभ की तरह होगा, जो हमें इस अंधकार से बाहर निकालने का मार्ग दिखाएगा." डॉक्टरों ने यह भी लिखा कि "इस भय, अविश्वास, और निराशा के माहौल में, हम अस्पताल के भीतर काम करने से बच रहे हैं और इसके बजाय वैकल्पिक तरीकों से नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने का प्रयास कर रहे हैं." यह बयान डॉक्टरों द्वारा लगातार चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच आया है.
विरोध प्रदर्शन और सरकार के साथ गतिरोध
शुक्रवार को जूनियर डॉक्टरों ने कोलकाता के साल्ट लेक इलाके के स्वास्थ भवन के सामने भारी बारिश के बावजूद अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा. डॉक्टरों और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच लगातार वार्ता की कोशिशें विफल हो चुकी हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को आंदोलनकारी डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की थी. उन्होंने यहां तक कहा था कि "लोगों की भलाई के लिए मैं इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं."
हालांकि, डॉक्टरों ने बैठक में शामिल होने से इंकार कर दिया जब तक कि बैठक को लाइव स्ट्रीम नहीं किया जाएगा. डॉक्टरों का कहना है कि पारदर्शिता बनाए रखने के लिए बैठक का सीधा प्रसारण होना चाहिए.