भाई के बचाव में उतरा भाई: राज के लिए उद्धव ठाकरे ने कहा- 'ED की जांच में कुछ भी नहीं निकलेगा'
उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे (Photo Credits: ANI)

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के अध्यक्ष राज ठाकरे (Raj Thackeray) को प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा भेजे गए नोटिस के बाद उनके चचेरे भाई और सत्तारूढ़ सहयोगी शिवसेना (Shiv Sena) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे उनके समर्थन में उतर आए हैं. ईडी ने एक मामले की जांच के सिलसिले में राज ठाकरे को सम्मन जारी करते हुए गुरुवार को पेश होने को कहा है. उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने अपने आवास पर मीडियाकर्मियों से यह कहते हुए अपना परोक्ष समर्थन जाहिर किया कि ईडी द्वारा उनसे (राज ठाकरे से) पूछताछ में कुछ भी नहीं निकलेगा. उद्धव ने कहा, मुझे नहीं लगता कि ईडी द्वारा उनसे (राज ठाकरे) कल की जाने वाली पूछताछ से कोई नतीजा निकलेगा.

ईडी के कदम को पहले प्रतिशोध का कारण बताने वाले मनसे के प्रवक्ता संदीप देशपांडे ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य के सभी लोग इस बात को जानते हैं कि इस मामले में कुछ भी नहीं है और राज ठाकरे इससे अछूते रहेंगे. उद्धव ने यह टिप्पणी इगतपुरी से कांग्रेस विधायक निर्मला गावित के शिवसेना में शामिल होने के मौके पर की. ईडी ने रविवार को ठाकरे व उनके पूर्व कारोबारी सहयोगी रहे पूर्व लोकसभा अध्यक्ष और सत्तारूढ़ सहयोगी शिवसेना नेता मनोहर जोशी के बेटे अनमेश जोशी के साथ ही एक अन्य कारोबारी सहयोगी को नोटिस जारी किया था. इसके बाद राजनीतिक हलकों में खलबली मच गई थी. गौरतलब है कि ईडी ने ठाकरे को आईएलएंडएफएस से संबंधित एक धनशोधन मामले में गुरुवार को अपने कार्यालय में पेश होने को कहा है.

राज ठाकरे ने समर्थको से की अपील

राज ठाकरे ने को कहा था कि वह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा भेजे गए सम्मन का सम्मान करेंगे. इस दौरान उन्होंने अपने समर्थकों से शांत रहने की अपील भी की. इस मुद्दे पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में ठाकरे ने सभी मनसे कार्यकर्ताओं को संबोधित करने वाले हस्ताक्षरित बयान में कहा कि मार्च-2006 में पार्टी की स्थापना के बाद से उनके और कार्यकर्ताओं के खिलाफ अनगिनत मामले दर्ज किए गए हैं. उन्होंने कहा, हम सभी ने हर बार जांच एजेंसियों और अदालत द्वारा भेजे गए नोटिस का सम्मान किया है. इस बार भी हम सभी को ईडी द्वारा भेजे गए सम्मन का सम्मान करना चाहिए. राज्यभर से राज के हजारों समर्थकों और मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा मुंबई में शक्ति प्रदर्शन के बाद ठाकरे की यह प्रतिक्रिया आई है.

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यह है पूरा मामला

दरअसल, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष और सीएम मनोहर जोशी के बेटे उन्मेश जोशी और उनके व्यापारिक साझेदार राज ठाकरे को नोटिस भेजा था. क्योंकि जोशी की कंपनी और उसके निवेश पहले से ही सवालों के घेरे में हैं क्योंकि यह लगभग 135 करोड़ रुपये के आईएल एंड एफएस के प्रमुख डिफॉल्टरों में से है. उन्मेश जोशी, राज ठाकरे और उनके सहयोगी द्वारा यह एक दशक पहले लॉन्च की गई थी. उनकी 421 करोड़ रुपये में विवादास्पद कोहिनूर मिल्स नंबर-3 खरीदने की योजना थी.

आईएल एंड एफएस ने 2008 में अचानक कथित तौर पर इस सौदे से हाथ पीछे खींच लिए और महज 90 करोड़ रुपये में अपने शेयरों को बेच दिया. इससे बड़ा नुकसान हुआ और बाद में ठाकरे भी अपने शेयर बेचने के बाद इससे बाहर निकल गए. जोशी का कोहिनूर समूह उनके पिता और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी द्वारा स्थापित किया गया था। यह पहले कोहिनूर सीटीएनएल को नियंत्रित करता था.