Kisan Vikas Patra: पोस्ट ऑफिस की यह स्कीम बेहद दमदार, 10 साल में पैसे कर देगी डबल, जानिए ब्याज-मैच्योरिटी समेत पूरी डिटेल

आज हम आपकों एक ऐसे निवेश के बारे में बताने जा रहे है, जो दस सालों में आपके पैसे को डबल कर देगी. इतना ही नहीं आपके पैसे भी पूरी तरह से सुरक्षित रहेंगे, जिसकी गारंटी खुद केंद्र सरकार दे रही है. बुद्धिमानी से चुना गया यह निवेश दीर्घकालिक लाभ देती है. यहां हम बात कर रहे है पोस्ट ऑफिस से जुड़ी बचत योजना ‘किसान विकास पत्र’ यानि केवीपी की.

रुपया (Photo Credits: Wikimedia Commons)

How To Invest In Kisan Vikas Patra KVP: आज हम आपकों एक ऐसे निवेश के बारे में बताने जा रहे है, जो दस सालों में आपके पैसे को डबल कर देगी. इतना ही नहीं आपके पैसे भी पूरी तरह से सुरक्षित रहेंगे, जिसकी गारंटी खुद केंद्र सरकार दे रही है. बुद्धिमानी से चुना गया यह निवेश दीर्घकालिक लाभ देती है. यहां हम बात कर रहे है पोस्ट ऑफिस से जुड़ी बचत योजना ‘किसान विकास पत्र’ यानि केवीपी की. PM Kisan FPO स्कीम के तहत मोदी सरकार देगी 15 लाख रुपये, किसान भाईयों को करना पड़ेगा ये काम

किसान विकास पत्र (केवीपी) में निवेश की गई राशि अब 10 साल चार महीने में दोगुनी होगी. कोई भी वयस्क अपने नाम से अथवा किसी अवयस्क के नाम से केवीपी में 1,000 रुपये के गुणाकार में निवेश कर सकता है. साथ ही नामांकन सुविधा उपलब्ध है. जबकि दो वयस्क संयुक्त रूप से भी निवेश कर सकते है. केवीपी 1,000 रुपये, 5,000 रुपये, 10,000 रुपये और 50,000 रुपये के मूल्य में जारी किया जाता है. केवीपी प्रमाणपत्रों की खरीद के लिए न्यूनतम सीमा एक हजार है तथा कोई अधिकतम सीमा नहीं है. इस स्कीम से जुड़ी और अधिक जानकारियों के लिए www.indiapost.gov.in पर विजिट करें. 

केवीपी की बिक्री डाकघरों और बड़े बैंकों से की जाती है. केवीपी सर्टिफिकेट को जारी करने की तारीख के बाद ढाई साल में पैसे निकालने की अनुमति होगी. ढाई साल बाद परिपक्वता अवधि से पहले केवीपी को भुनाने पर प्रत्येक 1,000 रुपये के निवेश के आधार पर पैसे मिलेंगे. वहीँ, इस योजना के अंतर्गत कोई आयकर लाभ उपलब्ध नहीं है. तथापि आहरण (Withdrawal) के समय जमाराशियों पर स्रोत पर कर की कटौती (टीडीएस) से छूट प्राप्त है.

वित्त वर्ष 2020 की दूसरी तिमाही में केवीपी में निवेश की गई राशि 113 महीने अर्थात नौ वर्ष चार माह में दोगुनी होती थी. लेकिन ब्याज दरों में गिरावट के मद्देनजर सरकार ने किसान विकास पत्र नियम, 2014 में संशोधन करते हुए परिपक्वता की अवधि और बढ़ा दी. हालांकि केंद्र लघु बचत के उत्पादों पर ब्याज दरों में प्रत्येक तिमाही में संशोधन करती है.

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