रेप पर केरल HC की बड़ी टिप्पणी, अगर महिला को पता था कि शख्स पहले से शादीशुदा है तो वह शादी का झांसा और बलात्कार का नहीं लगा सकती इल्जाम
कोर्ट ने दोहराया कि अगर कोई पुरुष किसी महिला से शादी करने के अपने वादे को वापस लेता है, तो उनके द्वारा सहमति से किया गया यौन संबंध आईपीसी की धारा 376 के तहत बलात्कार का अपराध नहीं माना जाएगा.
Consensual Sex Under Pretext of Marriage is Not Rape: केरल हाई कोर्ट ने एक मामले प सुनवाई करते हुए कहा कि शादी करने का झूठा वादा करके बलात्कार का आरोप तब तक नहीं टिकेगा जब तक महिला को पता हो कि वह आदमी पहले से ही शादीशुदा है और अभी भी आरोपी के साथ यौन संबंध जारी रखा है. Bangalore Rape Case: बेंगलुरु में 17 साल की बच्ची से सामूहिक बलात्कार
हाई कोर्ट के जस्टिस कौसर एडग्गापथ ने कहा कि "ऐसे जोड़े के बीच किसी भी तरह के सेक्स को प्यार और जुनून कहा जा सकता है, न कि शादी के किसी झूठे वादे के आधार पर."
कई मिसालों का जिक्र करते हुए, कोर्ट ने दोहराया कि अगर कोई पुरुष किसी महिला से शादी करने के अपने वादे को वापस लेता है, तो उनके द्वारा सहमति से किया गया यौन संबंध आईपीसी की धारा 376 के तहत बलात्कार का अपराध नहीं माना जाएगा.
आदेश में कहा गया है कि "स्वीकार किया गया तथ्य यह है कि चौथी प्रतिवादी का 2010 से याचिकाकर्ता के साथ संबंध है और उसने 2013 से अपनी शादी के बारे में जानकर संबंध जारी रखा, उससे शादी करने के झूठे बहाने से सेक्स के बारे में कहानी को रद्द कर देगा. कथित सेक्स को केवल याचिकाकर्ता के लिए प्यार और जुनून के कारण कहा जा सकता है, न कि याचिकाकर्ता द्वारा उसे गलत तरीके से पेश किए जाने के कारण, ”
महिला का आरोप था कि नौ साल की अवधि में याचिकाकर्ता ने शिकायतकर्ता को शादी का झूठा वादा देकर भारत और विदेशों में कई जगहों पर उसके साथ यौन संबंध बनाए. वहीं याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि आरोपी के खिलाफ प्रथम दृष्टया कोई अपराध नहीं बनता है.
अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता के बयान से पता चलता है कि वह 2010 से याचिकाकर्ता को जानती थी और उसे यह पता था कि याचिकाकर्ता की शादी पांच से छह साल पहले हुई थी. फिर भी, वह 2019 तक उसके साथ यौन संबंध में थी.
शिकायतकर्ता के बयान और रिकॉर्ड पर मौजूद अन्य सामग्री से, अदालत ने निष्कर्ष निकाला कि याचिकाकर्ता का शादी के बहाने कथित बलात्कार करने का कोई दुर्भावनापूर्ण इरादा या गुप्त मकसद नहीं था.