Karnataka: ढाई साल की बच्ची 5 दिनों तक 5 शवों के साथ रही

बेंगलुरू में 9 महीने के बच्चे की मौत और परिवार के चार सदस्यों की कथित आत्महत्या के चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं. शवों के साथ घर में पांच दिन से रह रही नाबालिग बच्ची को पुलिस ने घर से बाहर निकाल लिया है. शुक्रवार की रात ब्यादरहल्ली थाना क्षेत्र में पांच शव घर के अंदर मिले, जहां से पुलिस ने ढाई साल की बच्ची प्रेक्षा को बाहर निकाला.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: File Photo)

बेंगलुरू, 18 सितम्बर: बेंगलुरू में 9 महीने के बच्चे की मौत और परिवार के चार सदस्यों की कथित आत्महत्या के चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं. शवों के साथ घर में पांच दिन से रह रही नाबालिग बच्ची को पुलिस ने घर से बाहर निकाल लिया है. शुक्रवार की रात ब्यादरहल्ली थाना क्षेत्र में पांच शव घर के अंदर मिले, जहां से पुलिस ने ढाई साल की बच्ची प्रेक्षा को बाहर निकाला. वह लगभग अचेत अवस्था में मिली. बच्ची उसी घर में रहती थी जहां उसकी मां सिनचना (34), दादी भारती (51), मां की बहन सिंधुरानी (31), मां के भाई मधुसागर (25) के शव छत से लटके हुए थे. यह भी पढ़े: Uttar Pradesh: किशोरी से बलात्कार करने के दो दोषियों को 10-10 साल जेल की सजा

लड़की उसी कमरे में मिली, जहां मधुसागर को फांसी के फंदे पर लटका हुआ पाया गया. प्रेक्षा को इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पुलिस ने कहा कि उसे इलाज और काउंसलिंग की जरूरत होगी. इस मामले की जांच कर रही ब्यादरहल्ली पुलिस ने बताया कि शनिवार सुबह शवों का पोस्टमार्टम किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हालांकि यह आत्महत्या का मामला लगता है, लेकिन पोस्टमार्टम में इसकी पुष्टि होनी चाहिए. अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (पश्चिम) सौमेंदु मुखर्जी ने कहा कि पांचों की मौत के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है. उन्होंने कहा, "हमें घर से डेथ नोट नहीं मिला है. मधुसागर शंकर सदमे की स्थिति में है. जैसे ही वह फिट होगा, उससे पूछताछ की जाएगी."इस बीच शंकर ने कहा है कि उनकी बेटियां अपने पतियों से झगड़ कर घर आ गईं थी. इस मुद्दे को सुलझाने और उन्हें उनके पतियों के पास वापस भेजने के बजाय, उनकी पत्नी भारती ने उन्हें वापस रहने के लिए प्रोत्साहित किया. शंकर ने कहा, "मैंने अपनी बेटियों सिनचना और सिंधुरानी को शिक्षित करने के लिए कड़ी मेहनत की. बेटा मधुसागर भी एक इंजीनियरिंग स्नातक था और एक निजी कंपनी में काम करता था.

सिनचना अपनी बेटी के कान छिदवाने के समारोह को लेकर अपने पति से लड़ाई के बाद घर वापस आई थी. वहां वित्त के संबंध में कोई समस्या नहीं थी. उन्होंने छोटे मुद्दों पर यह घातक कदम उठाया."पुलिस ने कहा कि पड़ोसियों ने उन्हें सूचित किया है कि, शंकर और उसके बेटे मधुसागर के बीच लड़ाई हुई थी. मारपीट के बाद शंकर घर से बाहर चला गया था. इस घटना के बाद रविवार को ही परिवार ने आत्महत्या कर ली थी. शव क्षत-विक्षत अवस्था में पाए गए थे और फोरेंसिक विशेषज्ञों और पुलिस अधिकारियों ने बताया है कि मौतें पांच दिन पहले हुई हैं. हालांकि पोस्टमॉर्टम के बाद इसकी पुष्टि भी हो जाएगी. बुजुर्ग महिला, भारती, हॉल में छत से लटकी पाई गई और सिंचना, सिंधुरानी का शव 9 महीने के बच्चे के साथ पहली मंजिल के एक कमरे में मिला. मधुसागर अपने कमरे में लटका पाया गया. तीनों बच्चों के घर में अलग-अलग कमरे थे. घटना का पता तब चला जब पत्रकार शंकर ने शुक्रवार रात पड़ोसियों और पुलिस की मदद से दरवाजा तोड़ा. शंकर ने पुलिस को बताया था कि उसने अपने परिवार के सदस्यों को तीन दिनों तक फोन किया, जिसका जवाब नहीं दिया गया.

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