आज भारत के लिए गर्व का दिन है, भारत आज 1999 की करगिल की लड़ाई (Kargil War) में पाकिस्तान पर जीत की 20 वीं वर्षगांठ मना रहा है. 26 जुलाई का दिन कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है. आज भी शहीद जवानों के बलिदान की गाथा करगिल की हवा और फिजा में गूंज रही है. रगिल युद्ध लगभग 74 दिन चले इस युद्ध का अंत 26 जुलाई को हुआ. कारगिल युद्ध में भारतीय शूरवीरों ने अपने जान की आहुति देकर इस युद्ध को जीता था. भारत द्वारा एलओसी के करगिल सेक्टर से पाक सैनिकों को खदेड़ने के लिए चलाए गए ऑपरेशन का नाम ऑपरेशन विजय (Operation Vijay) था.
पाकिस्तान की नापाक हरकतों से पूरी दुनिया वाकिफ है. पाकिस्तान बोलता कुछ और करता कुछ और है. कुछ ऐसी ही हरकत पाकिस्तान ने 20 साल पहले किया था. ज्ञात हो कि भारत और पाकिस्तान के बीच करगिल युद्ध मई-जून 1999 में शुरू हुआ था जब यह पता चला था कि पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा पार करके भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ करके तोलोलिंग हाइट्स, टाइगर हिल और प्वाइंट 4875 (बत्रा टॉप) सहित विभिन्न सामरिक चोटियों पर कब्जा कर लिया था. उन चोटियों से श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग और उस पर यातायात को लक्षित किया जा सकता था.
इस युद्ध में देश के करीब 527 जवान शहीद हुए थे. कारगिल विजय दिवस हर भारतीय के लिये गर्व की बात है. इस दिन जांबाज भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तान को कारगिल युद्ध में धूल चटाई थी. यह लड़ाई पहाड़ी इलाकों में युद्ध के सैन्य इतिहास में सबसे कठिन थी.
मुश्किल थी राह लेकिन सेना के हौसले बुलंद थे
भारतीय सेना को करगिल के युद्ध में बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था. पाकिस्तानी सैनिक ऊंची पहाड़ियों पर बैठे थे और हमारे सैनिकों को गहरी खाई में रहकर उनसे मुकाबला करना था. भारतीय जवान किसी आड़ के सहारे या रात में चढ़ाई कर पाकिस्तानियों का सामना कर रहे थे. 8 मई को कारगिल युद्ध शुरू होने के बाद 11 मई से भारतीय वायुसेना की टुकड़ी ने थल देना की मदद करना शुरू कर दिया था. इस युद्ध में वायुसेना के करीब 300 विमान उड़ान भरते थे. 26 जुलाई को भारत ने करगिल युद्ध (Kargil War) में जीत हासिल की थी. करगिल युद्व में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 3 हजार सैनिकों को मार गिराया था. यह युद्ध 18 हजार फीट की ऊंचाई पर लड़ा गया था.