जस्टिस बोबडे बने भारत के 47वें मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिलाई सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस पद की शपथ
जस्टिस शरद अरविंद बोबडे भारत के नए मुख्य न्यायाधीश बन गए हैं, उन्होंने भारत के 47वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण कर ली है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जस्टिस बोबडे को देश के 47वें मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के तौर पर शपथ दिलाई है.
नई दिल्ली: जस्टिस शरद अरविंद बोबडे (Justice Sharad Arvind Bobde) भारत के नए मुख्य न्यायाधीश बन गए हैं. उन्होंने भारत के 47वें मुख्य न्यायाधीश (47th CJI) के रूप में शपथ ग्रहण कर ली है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने जस्टिस बोबडे को देश के 47वें मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) (CJI) के तौर पर शपथ दिलाई है. बता दें कि 17 नवंबर को रिटायर हुए सीजेआई रंजन गोगोई ने ही अगले सीजेआई के लिए जस्टिस बोबडे के नाम की सिफारिश की थी, जिसके बाद 63 वर्षीय जस्टिस बोबडे ने अब उनकी जगह ले ली है. शपथ ग्रहण करने के बाद सीजेआई के तौर पर उनका कार्यकाल 17 महीने का होगा, जिसके बाद वे 23 अप्रैल 2021 को सेवानिवृत्त होंगे.
ज्ञात हो कि अयोध्या रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीनी विवाद मामले में ऐतिहासिक फैसला (Ayodhya Verdict) देने वाले सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के पांच जजों की संविधान पीठ में जस्टिस अरविंद बोबडे (Justice Sharad Arvind Bobde) भी शामिल थे.
भारत के 47वें मुख्य न्यायाधीश बने जस्टिस बोबडे-
शपथ ग्रहण करते हुए जस्टिस बोबडे-
इसके अलावा जस्टिस बोबडे निजता के अधिकार के लिए गठित सात जजों की संविधान पीठ में भी शामिल थे.वे आधार को लेकर बने उस बेंच का भी हिस्सा रह चुके हैं, जिसने कहा था कि जिन लोगों के पास आधार कार्ड नहीं है उन्हें सुविधाओं से वंचित नहीं किया जाएगा. यह भी पढ़ें: जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े होंगे भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश, आज लेंगे सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस पद की शपथ
सीजेआई के तौर पर शपथ ग्रहण करने के बाद जस्टिस बोबडे के सामने कई बड़े मामलों में फैसले होंगे और उन्हें फैसला सुनाना होगा. दरअसल, हाल ही में अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संविधान पीठ ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है, लेकिन मस्लिम पक्ष ने इस पर पुर्नविचार याचिका दायर करने का फैसला किया है.
वहीं दूसरी तरफ सबरीमाला विवाद को सुलझाने का जिम्मा भी बड़ी बेंच को सौंपा गया है. ऐसे में बतौर सीजेआई बोबड़े भी इस बेंच का हिस्सा होंगे. गौरतलब है कि जस्टिस रंजन गोगोई 3 अक्टूबर 2018 को प्रधान न्यायाधीश बनाए गए थे और रविवार 17 नवंबर 2019 को वे सेवानिवृत्त हुए हैं.