J&K: बड़ी साजिश का पर्दाफाश! कठुआ में मारा गया आतंकी इस्तेमाल करता था पाक सेना के हथियार और सैटेलाइट डिवाइस

रिपोर्ट के मुताबिक "जैश कमांडर के पास नाइट स्कोप और फ्रीक्वेंसी सैटेलाइट कम्युनिकेशन डिवाइस वाली एम4 राइफल थी. वह पाकिस्तानी सेना, नौसेना और वायुसेना के लिए खरीदे गए माइक्रो सैटेलाइट कम्युनिकेशन डिवाइस का इस्तेमाल कर रहा था."

Indian Army | PTI

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में इस दिनों बढ़ रही आतंकी घटनाओं के पीछे पाकिस्तान है. सुरक्षा एजेंसियों का मानना ​​है कि पाकिस्तान एक बार फिर से सीमा लांघने की फिराक में है. इसके लिए पाकिस्तान हर कोशिश में जुटा है. सूत्रों की मानें इन आतंकी हमलों में पाक सेना तक शामिल है. जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास एक गांव में इस सप्ताह मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए दो आतंकवादियों में जैश-ए-मोहम्मद का एक टॉप कमांडर भी शामिल था. J&K: घाटी में छिपे हो सकते हैं और आतंकी; पुलिस ने किया अलर्ट- गाड़ी स्टार्ट करने से पहले अच्छे से करें चेक.

सूत्रों के अनुसार, संदेह है कि मारे गए दो आतंकवादियों के पीछे पाकिस्तानी सेना का हाथ था, जिनकी पहचान जैश कमांडर रिहान और उसके निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) के रूप में हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक "जैश कमांडर के पास नाइट स्कोप और फ्रीक्वेंसी सैटेलाइट कम्युनिकेशन डिवाइस वाली एम4 राइफल थी. वह पाकिस्तानी सेना, नौसेना और वायुसेना के लिए खरीदे गए माइक्रो सैटेलाइट कम्युनिकेशन डिवाइस का इस्तेमाल कर रहा था." इन आतंकियों के पास से पाकिस्तान में बनी चॉकलेट, दवाएं और दर्द निवारक इंजेक्शन भी मिले थे.

पाकिस्तान में भारत के खिलाफ साजिश

इस सप्ताह जम्मू-कश्मीर के रियासी, कठुआ और डोडा जिलों में चार आतंकवादी हमले हुए, जिनमें एक सीआरपीएफ जवान और दो आतंकवादियों सहित 11 लोग मारे गए. News 18 ने अपनी रिपोर्ट में सूत्रों ने हवाले से बताया कि 9 जून को रियासी में हुए आतंकी हमले के बाद जैश-ए-मोहम्मद और हिज्ब-उल-मुजाहिदीन के शीर्ष नेतृत्व ने पाकिस्तान के रावलकोट में बैठक की थी.

इस बीच, राजौरी, डोडा के अलग-अलग क्षेत्रों में सेना का सर्च अभियान चल रहा है. अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों द्वारा हमले की संभावित कोशिशों के बारे में खुफिया रिपोर्ट मिलने के बाद सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है, खासकर पुंछ और राजौरी जिलों में, जहां पिछले दो वर्षों में आतंकवादी गतिविधियों में तेजी देखी गई है.

Share Now

\