जम्मू-कश्मीर: पुलिस ने किश्तवाड में तीन खूंखार आतंकियों पर रखा 30 लाख का इनाम
जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में सुरक्षाबलों ने आतंकियों के खिलाफ जो मुहीम छेड़ रहा है उसमें उन्हें कई कामयाबी हाथ लगी है. जम्मू कश्मीर पुलिस और सेना के जवान लगातार आतंक पर नकेल कसने की हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं. इसी कड़ी में किश्तवाड़ डिस्ट्रिक पुलिस (Kishtwar ) ने हिज्बुल मुजाहिद्दीन ( Hizbul Mujahideen) के तीन और आतंकवादियों की सूचना देने पर 30 लाख रुपये का नकद पुरस्कार ( Cash Award of Rs 30 Lakhs ) देने की घोषणा की है. जिन आतंकियों पर ये इनाम रखा गया है उनके नाम मोहम्मद अमीन ( Mohd Amin), रियाज अहमद (Riaz Ahmed) और मुद्दसिर हुसैन (Mudassir Hussain) हैं
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में सुरक्षाबलों ने आतंकियों के खिलाफ जो मुहीम छेड़ रहा है उसमें उन्हें कई कामयाबी हाथ लगी है. जम्मू कश्मीर पुलिस और सेना के जवान लगातार आतंक पर नकेल कसने की हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं. इसी कड़ी में किश्तवाड़ डिस्ट्रिक पुलिस (Kishtwar ) ने हिज्बुल मुजाहिद्दीन ( Hizbul Mujahideen) के तीन और आतंकवादियों की सूचना देने पर 30 लाख रुपये का नकद पुरस्कार ( Cash Award of Rs 30 Lakhs ) देने की घोषणा की है. जिन आतंकियों पर ये इनाम रखा गया है उनके नाम मोहम्मद अमीन ( Mohd Amin), रियाज अहमद (Riaz Ahmed) और मुद्दसिर हुसैन (Mudassir Hussain) हैं. इन आतंकियों की तलाश जवानों को काफी दिनों से है.
इन आतंकियों का एक पोस्टर जारी किया गया है. जिसमें इनके इनाम की राशि 30 लाख रखी गई है. इसके साथ यह भी कहा गया है कि जानकारी देने वाले शख्स की जानकारी बेहद गोपनीय रखी जाएगी. इससे पहले पुलिस ने दो खूंखार आतंकियों (Most-Wanted Terrorists) हारून अब्बास वानी और मसूद अहमद का पोस्टर जारी किया था. इन आतंकियों की जानकारी देने वाले शख्स को 15 लाख (Rs 15 lakhs) का इनाम देने का वादा किया है. डोडा जिला (Doda District) की पुलिस ने यह पोस्टर जारी किया था.
अनुच्छेद 370 हटने के बाद से ही पाकिस्तान में पल रहे आतंकवादी बौखलायें हुए हैं. वे लगातार कोशिश में हैं कि घाटी में बड़ी आतंकी घटना को अंजाम दें. लेकिन उनके इन मंसूबों पर सेना के जवान पानी फेर देते हैं. यही कारण है कि घाटी में आतंकियों कमर टूट रही है. वहीं पाकिस्तानी सेना की मदद से आतंकवादी घुसपैठ की फिराक में हैं . गौरतलब हो कि गृह मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है, जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की शुरुआत (1990 में) के बाद से 31 मार्च 2019 तक 14,024 लोगों की मौत हो चुकी है और 5,273 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए हैं.