रांची. झारखंड के सरायकेला में चोरी के आरोप में भीड़ द्वारा पीट-पीट मारे गये तबरेज अंसारी की हत्या मामले में 7 आरोपियों को मंगलवार को उच्च न्यायालय से जमानत मिल गयी. झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति आर मुखोपाध्याय की पीठ ने भीमसेन मंडल, चामू नायक, महेश महली, सत्यनारायण नायक, मदन नायक, विक्रम मंडल को इस मामले में छह माह बाद जमानत दी. सभी आरोपियों ने उच्च न्यायालय में जमानत याचिका दाखिल की थी. सुनवाई के दौरान इनके अधिवक्ता ए.के.साहनी ने पीठ को बताया कि तबरेज अंसारी मामले में इनका नाम प्राथमिकी में नहीं है और न ही नामजद आरोपित पप्पू मंडल ने पुलिस को दिए अपने बयान में इनका नाम लिया है. इस सब के बावजूद सभी आरोपी लगभग छह माह से जेल में बंद हैं.
आरोपियों के वकील ने पीठ को बताया गया कि 18 जून 2019 को चोरी के आरोप में तबरेज अंसारी को पुलिस ने गिरफ्तार किया था और सीजेएम कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया. 22 जून को उसकी तबीयत खराब हुई और इलाज के दौरान सरायकेला के सदर अस्पताल में तबरेज की मौत हो गई. ऐसे में यह हिरासत में हुई मौत का मामला है. इसलिए इनको जमानत मिलनी चाहिए. यह भी पढ़े-झारखंड मॉब लिंचिंग: तबरेज अंसारी की पत्नी ने कहा 'दोषियों को फांसी पर नहीं लटकाया, तो कर लूंगी आत्महत्या'
इस दौरान प्रतिवादी की ओर से इनकी जमानत का विरोध किया गया और कहा गया कि मारपीट की घटना में सभी लोग शामिल थे. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने 7 आरोपियों को जमानत दे दी. भीड़ हिंसा के इस मामले में तबरेज की पत्नी एस परवीन ने प्राथमिकी दर्ज कराई जिसमें आरोप है कि तबरेज को भीड़ ने एक खंभे से बांध कर उसकी पिटाई की थी. इसकी वजह से उसकी मौत हो गई. इस मामले में पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया था.