रांची: झारखंड हाई कोर्ट ने शुक्रवार को राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की अस्थायी जमानत को रद्द कर तगड़ा झटका दिया है. दरअसल आरजेडी चीफ की ओर से उनके वकीलों ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए जमानत को तीन महीने तक बढ़ाने की अर्ज़ी दी थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया. कोर्ट ने लालू यादव को 30 अगस्त तक सरेंडर करने का आदेश दिया है. इससे पहले लालू की अस्थायी जमानत की अवधि 17 अगस्त को खत्म होने के बाद कोर्ट ने इसे 20 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया था.
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई ने लालू यादव द्वारा जमानत का गलत फायदा उठाने का आरोप लगाया. सीबीआई के वकील ने कहा कि लालू मुंबई से इलाज कराकर आते हैं और अपने घर चले जाते हैं. गौरतलब हो कि लालू के बेटे तेजस्वी यादव ने हाल ही में ट्विट के जरिए लालू की तबीयत लगातार बिगड़ने की जानकारी दी थी.
Visited my ailing father admitted in Asian Heart Institute, Mumbai due to various diseases. Perturbed to see his falling health & increased infection. Praying that he may recover soon under the around-the-clock monitoring & continuous medical care of specialist doctors. pic.twitter.com/JY0Cr7RGlf
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 20, 2018
लालू यादव को मई में इलाज के लिए छह हफ्ते की अस्थायी जमानत दी गई थी, जिसे बाद में उच्च न्यायालय ने बढ़ा दिया था. चारा घोटाले के एक मामले में दिसंबर 2017 को दोषी करार दिए जाने के बाद लालू रांची की बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में रखे गए थे.
उन्हें जनवरी व मार्च 2018 में दो अन्य मामलों में दोषी करार दिया गया और 14 साल की जेल की सजा दी गई. वह साल 2013 में चारा घोटाला मामले में पहली बार दोषी करार दिए गए और उन्हें पांच साल की जेल की सजा सुनाई गई.
करोड़ों रुपये का चारा घोटाला लालू यादव के बिहार के मुख्यमंत्री रहने के दौरान 1990 में सामने आया था. पटना उच्च न्यायालय के निर्देश पर जांच को केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंपा गया था.