जम्मू-कश्मीर: आतंकियों के खात्मे के दौरान इस साल गई 61 सुरक्षाकर्मियों की जान, 11 नागरिकों की भी हुई मौत
जम्मू और कश्मीर में सुरक्षाबलों की संयुक्त टीमें लगातार आतंकियों के सफाए के लिए अभियान चला रही है.
श्रीनगर: जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) में सुरक्षाबलों की संयुक्त टीमें लगातार आतंकियों के सफाए के लिए अभियान चला रही है. हाल ही में सुरक्षाबलों ने दक्षिण कश्मीर के त्राल (Tral) इलाके में अलकायदा से जुड़े आतंकी समूह अंसार गजवात-उल-हिंद (Ansar Ghazwat-ul-Hind) के मुखिया जाकिर मूसा (Zakir Musa) को ढेर कर दिया. जाकिर मूसा की मौत घाटी में अमन-शांति के लिए एक बड़ी कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है. वैसे तो किसी भी मुठभेड़ के दौरान जवानों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाता है. लेकिन इसके बावजूद कई बार मुठभेड़ के दौरान देश के वीर सपूतों की जान चली जाती है.
केंद्र सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार घाटी में इस साल के पहले चार महीनों में 177 आतंकी घटनाओं में कुल 61 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए. जबकि इन घटनाओं में 11 असैनिक नागरिकों की भी जान चली गई और 142 लोग घायल हो गए.
सूचना के अधिकार कानून (RTI) के तहत पूछे गए सवाल के जवाब में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में वर्ष 2019 के पहले चार महीनों में 177 आतंकी घटनाये हुई है. जिसमें 61 सुरक्षाकर्मी, 11 नागरिक की मौत हुई. जबकि 73 सुरक्षाकर्मी और 69 नागरिक घायल हो गए.
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इससे पहले उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने कहा कि राज्य में अब तक 86 आतंकियों का सफाया किया जा चुका है. उन्होंने संकल्प जताया कि आतंकियों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई जारी रहेगी.
सुरक्षाकर्मियों के लिए पिछला साल सबसे खराब दौरों में से एक रहा, जब लगभग 100 सुरक्षाकर्मियों की मौत हुई थी. लेकिन, इस वर्ष के पहले दो महीनों में ही यह आंकड़ा 55 को पार हो गया था. लेकिन, सुरक्षाबलों द्वारा चलाये जा रहे अभियानों में आतंकियों की मौतों की संख्या भी बढ़ रही है. आपको बता दें की पुलवामा में इस साल 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गए थे.