Jallikattu 2020: कोयंबटूर में खेल के दौरान सीने में बैल के सिंग लगने से युवक की मौत, 17 गंभीर रूप से घायल

पुदुक्कोट्टई इलाके के रहने वाले सुभाष चंद्र बोस (24) की मौत बैल के सींग के सीने में लगने से हो गई. वह बैल को वश में करने की कोशिश कर रहा था इसी बीच बैल ने सुभाष के सीने में सींग गडा दिए जिससे सुभाष गंभीर रूप से घायल हो गया.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit- PTI)

Jallikattu 2020: रविवार को तमिलनाडु के कोयंबटूर (Coimbatore) में जल्लीकट्टू (Jallikattu) कार्यक्रम के दौरान एक बैल के मालिक की मौत हो गई. रिपोर्ट्स के अनुसार, दक्षिणी राज्य में जल्लीकट्टू के दौरान 17 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए. पुदुक्कोट्टई इलाके के रहने वाले सुभाष चंद्र बोस (24) की मौत बैल के सींग के सीने में लगने से हो गई. वह बैल को वश में करने की कोशिश कर रहा था इसी बीच बैल ने सुभाष के सीने में सींग गडा दिए जिससे सुभाष गंभीर रूप से घायल हो गया. उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसकी मौत हो गई. इस बीच, मदुरई जिले के एक अन्य मुरुगन (37) को गंभीर चोट लगी जब एक अन्य सांड ने उसके गले में फंदा डाल दिया.

रविवार को जल्लीकट्टू आयोजन में 1,000 बैल और लगभग 820 बुल-टैमर्स ने हिस्सा लिया, जिन्हें तमिलनाडु के नगरपालिका प्रशासन एस पी वेलुमनी ने हरी झंडी दिखाई. जिला प्रशासन और कोयम्बटूर जल्लीकट्टू एसोसिएशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में तेलंगाना के राज्यपाल तमिलिसाई साउंडराजन सम्मानित अतिथि थे. इस आयोजन के लिए उच्च सुरक्षा व्यवस्था की गई थी. रिपोर्ट्स के अनुसार मदुरै के अजय को सर्वश्रेष्ठ टैमर के रूप में चुना गया. वह 20 बैलों को बांधने में सफल रहा.

गौरतलब है कि साल 2014 में, सुप्रीम कोर्ट ने पशु कल्याण बोर्ड ऑफ इंडिया और द पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) द्वारा याचिका दायर किए जाने के बाद जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध लगा दिया था. हालांकि, राज्य सरकार ने जोर देकर कहा कि यह खेल उनकी संस्कृति और पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. बाद में जनवरी 2017 में चेन्नई में बड़े पैमाने पर विरोध के बाद कानून में संशोधन के साथ प्रतिबंध हटा दिया गया था.

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