नई दिल्ली: अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra 2022) से पहले, पाकिस्तान (Pakistan) की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) पीओके में आतंकी लॉन्च पैड से आतंकवादियों को कश्मीर घाटी में भेज रही है. खुफिया एजेंसियों ने सुरक्षा बलों को चेतावनी दी है. यात्रा, (जिसे कोविड -19 महामारी के कारण 2020 और 2021 में निलंबित कर दिया गया था) 30 जून से शुरू होगी और 11 अगस्त को समाप्त होगी. इस वर्ष तीर्थयात्रा में बड़ी संख्या में भक्तों के शामिल होने की उम्मीद है.
सुरक्षा ग्रिड के सूत्रों ने खुफिया इनपुट के हवाले से कहा कि आईएसआई ने पीओके स्थित आतंकी संगठनों के कमांडरों को अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा कड़ी करने से पहले अपने चरमपंथियों को कश्मीर घाटी में घुसने के लिए कहा है. हनी ट्रैप में फंसा राजस्थान में तैनात सेना का जवान, आईएसआई को जानकारी लीक करने के आरोप में गिरफ्तार
सूत्रों ने यह भी कहा कि कमांडरों को अपने कैडरों को मार्गों के माध्यम से भेजने के लिए निर्देशित किया गया है, खासकर नदी के किनारे के क्षेत्रों के माध्यम से जहां सीमाओं की रक्षा करना थोड़ा कठिन है.
सुरक्षा एजेंसियों ने सीमा पार से कुछ चैट को इंटरसेप्ट किया है, जिससे पता चलता है कि आईएसआई अमरनाथ यात्रा से पहले घाटी में बड़ी संख्या में आतंकवादियों की घुसपैठ करने के लिए आतंकी संगठनों पर दबाव बना रही है.
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा नेटवर्क के अधिकारियों ने कहा कि पीओके में लगभग 6 प्रमुख आतंकवादी शिविर और 29 नाबालिग सक्रिय हैं. इसके अलावा, कई अस्थायी लॉन्च पैड हैं, जो आम तौर पर पाकिस्तान सेना के साथ सह-स्थित होते हैं, जो हथियारों और गोला-बारूद और अन्य आवश्यक उपकरणों की आपूर्ति करते हैं.
सूत्रों ने यह भी कहा कि इंटरसेप्ट की गई चैट के अनुसार, पीओके में आतंकी संगठनों और कश्मीर घाटी में आतंकवादियों के साथ समन्वय के लिए एक लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक के अधिकारी को तैनात किया गया है.
हालांकि, जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था के अधिकारियों ने कहा कि वे अच्छी तरह से तैयार हैं और घुसपैठ की किसी भी कोशिश को विफल करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की निगरानी कर रहे हैं और अमरनाथ यात्रा पर किसी भी खतरे से निपटने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.
प्रतिबंधित आतंकी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट ने हाल ही में एक बयान जारी कर लोगों को अमरनाथ यात्रा में शामिल नहीं होने की चेतावनी दी थी.