Digital Arrest Scam: 'डिजिटल अरेस्ट स्कैम' क्या है, इसका शिकार होने से खुद को कैसे बचाएं?
'डिजिटल अरेस्ट स्कैम' में धोखाधड़ी करने वाले लोग अक्सर कानून प्रवर्तन या सरकारी अधिकारियों की पहचान बनाकर लोगों को डराते हैं. ताकि वे आपको ब्लैकमेल करके आसानी से ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करा सकें.
Digital Arrest Scam: 'डिजिटल अरेस्ट स्कैम' में धोखाधड़ी करने वाले लोग अक्सर कानून प्रवर्तन या सरकारी अधिकारियों की पहचान बनाकर लोगों को डराते हैं. ताकि वे आपको ब्लैकमेल करके आसानी से ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करा सकें. ऑडियो या वीडियो कॉल करने वाला जालसाज खुद को पुलिस, सीबीआई या आरबीआई अधिकारी बताकर पीड़ित पर यह आरोप लगाते हैं कि वे टैक्स चोरी या वित्तीय गड़बड़ियों में शामिल हैं. फिर वे एक "सेटलमेंट फीस" का तात्कालिक भुगतान करने की मांग करते हैं, जिससे पीड़ित को एक कथित डिजिटल गिरफ्तारी वारंट से बचाने का दावा किया जाता है.
एक बार जब कोई पीड़ित भुगतान कर देता है, तो ये धोखेबाज़ गायब हो जाते हैं. इससे व्यक्ति आर्थिक रूप से नुकसान नहीं उठाते और उनके व्यक्तिगत डेटा की चोरी का भी खतरा होता है.
एचडीएफसी बैंक के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने कहा, "धोखेबाज लोगों के डर और तात्कालिकता का फायदा उठाते हैं. इसलिए, किसी भी दावे की सत्यता को आधिकारिक चैनलों से जांचना बेहद जरूरी है." हाल ही में अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में पीएम मोदी ने भी 'डिजिटल अरेस्ट' के मुद्दे पर चिंता जताई थी. प्रधानमंत्री ने नागरिकों से सतर्क रहने और नामित हेल्पलाइन के माध्यम से संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट करने का आग्रह किया था.
बचाव के लिए सुझाव
1. सरकारी संचार की पुष्टि करें: असली कानून प्रवर्तन एजेंसियां फोन या वीडियो कॉल के जरिए कभी भी पैसे या व्यक्तिगत बैंकिंग जानकारी नहीं मांगेंगी.
2. शांत रहें: अगर आपको कोई धमकी देने वाला कॉल या संदेश मिले, तो एक पल के लिए सोचें. धोखेबाज अक्सर तात्कालिकता का आभास कराते हैं.
3. व्यक्तिगत जानकारी की रक्षा करें: कभी भी संवेदनशील जानकारी, जैसे कि KYC डेटा या ओटीपी, किसी के साथ साझा न करें.
4. रेड फ्लैग्स पर ध्यान दें: किसी भी संचार में व्याकरण संबंधी त्रुटियां या अजीब अनुरोध होने पर सतर्क रहें.
5. संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट करें: धोखाधड़ी के संचार की रिपोर्ट करने के लिए टेलीकॉम विभाग के चक्षु पोर्टल का उपयोग करें या 1930 जैसी हेल्पलाइनों से संपर्क करें.
सरकार की अपील
अक्टूबर महीने को राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है. इस वर्ष का विषय है 'साइबर सुरक्षित भारत'. पीएम मोदी ने नागरिकों से अपने अनुभव साझा करने की अपील की है और शैक्षणिक संस्थानों को छात्रों को साइबर धोखाधड़ी के प्रति जागरूक करने के लिए प्रेरित किया है.