उत्तर प्रदेश शिक्षा विभाग (Uttar Pradesh Education Department) के शिक्षकों (Teachers) और कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर सामने आ रही है. उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग पिछले 8 साल से गलत ढंग से काटी जा रही धनराशि अब वापस करेगी. विभाग ने उन सभी शिक्षकों व कर्मचारियों की जानकारी जुटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिनके खातों से सामूहिक बीमा योजना के तहत पैसा काटा जा रहा था. Bihar: काम में लापरवाही बरतने का आरोप, SP ने 5 पुलिसकर्मियों को डाला हवालात में- Watch Video
आपको बता दें कि बेसिक शिक्षा विभाग में कर्मचारियों और शिक्षकों की सैलरी से धनराशि पिछले 8 सालों से गलत ढंग से काटी जा रही है, जिसपर विभाग ने रोक भी लगा दी थी. इसके बावजूद LIC बीमा योजना सामूहिक के नाम पर वेतन से 87 रुपये काटे जा रहे थे. अब विभाग ने कार्रवाई करते हुए 3 लाख शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन से काटे गए पैसे वापस करने की कवायद शुरू कर दी है.
2014 के बाद नियुक्त शिक्षकों व कर्मचारियों के लिए एलआईसी की सामूहिक विवाह योजना बंद कर दी गई थी, जो 2014 से पहले नियुक्त हुए शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए की जा रही थी. इस योजना में सेवाकाल में अगर किसी की मृत्यु हो जाती थी तो मृतक आश्रित को 1 लाख रुपये व कुल जमा धनराशि दी जाती थी. अन्य स्थिति में अगर रिटायरमेंट के बाद जितनी भी कुल जमा राशि थी उसका 50 फीसदी वापस कर दिया जाता था, लेकिन 2014 के बाद वालों की कटौती का लाभ नहीं दिया जाता था.
इसके बावजूद 2014 के बाद लगातार कर्मचारियों और शिक्षकों के वेतन से कटौती की जा रही थी. यह कटौती सिर्फ उन्हीं शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन से की गई थी जिनकी नियुक्ति 30 मार्च 2014 से पहले हुई थी. बेसिक शिक्षा विभाग के परिषद के वित्त नियंत्रक रविंद्र कुमार ने शिक्षकों कर्मचारियों का ब्यौरा मांगा है, जिनके वेतन से राशि काटी जा रही है. शासन से पास होने के बाद धनराशि वापस की जाएगी.