ITR भरने के 7 दिन बाद भी नहीं मिला Refund, यहां जानें क्या हो सकती है गलतियां

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने हाल ही में बताया कि 1 अप्रैल 2020 से 11 जनवरी 2021 के बीच 1.57 करोड़ से अधिक करदाताओं (Taxpayers) को 1,73,139 करोड़ रुपये से अधिक के आईटीआर रिफंड (ITR Refund) जारी किए गए.

टैक्स I प्रतिकात्मक तस्वीर (File Photo)

Income Tax Refund Status / ITR Refund Status: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने हाल ही में बताया कि 1 अप्रैल 2020 से 11 जनवरी 2021 के बीच 1.57 करोड़ से अधिक करदाताओं (Taxpayers) को 1,73,139 करोड़ रुपये से अधिक के आईटीआर रिफंड (ITR Refund) जारी किए गए. आईटी रिटर्न दाखिल करने के लिए नियत तारीखों के और विस्तार की प्रतीक्षा कर रहे सभी करदाताओं की उम्मीदों को धराशायी करते हुए सीबीडीटी (CBDT) ने साफ कहा है कि जिन करदाताओं ने तय समय तक आईटी रिटर्न दाखिल नहीं किया है, उन्हें जुर्माना भरना पड़ेगा. इस प्रक्रिया में 'अनिश्चितकाल' देरी नहीं की जा सकती है. इससे कर विभाग की कार्यप्रणाली और सरकार के कल्याणकारी कार्यक्रम में बाधा उत्पन्न हो सकती है. भारत की जीडीपी की वृद्धि दर सकारात्मक होने के बिल्कुल करीब : रिजर्व बैंक

सीबीडीटी (Central Board of Direct Taxes) के मुताबिक 2019-20 में, नियत तिथि तक लगभग 5.62 करोड़ आयकर रिटर्न दाखिल किए गए थे और इस वर्ष (2020-21) 10 जनवरी तक पहले से ही 5.95 आईटीआर दायर किए गए हैं. इस साल दाखिल किए गए रिटर्न के आंकड़े स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि संख्या पिछले साल की तुलना में अधिक है. इस बीच कई ऐसे टैक्सपेयर्स है, जिन्हें अभी तक आईटीआर रिफंड प्राप्त नहीं हुआ है.

अगर टैक्सपेयर्स ने चार से पांच महीने पहले आईटीआर फाइल किया है, तो इस स्थिति में टैक्सपेयर्स के लिए आईटीआर रिफंड का समय जानना अधिक महत्वपूर्ण है. नियम के तहत आईटीआर फाइल करने के महज सात कार्यदिवस में आईटीआर रिफंड किया जाता है. हालांकि कुछ सामान्य गलतियां भी आईटीआर रिफंड में देरी की वजह बन सकती है.

बैंक खाते की गलत जानकारी-

आयकर विभाग टैक्सपेयर्स के बैंक खाते में सीधे क्रेडिट के माध्यम से आईटीआर रिफंड ऑनलाइन देता है. ऐसी स्थिति में, यदि टैक्सपेयर्स ने आयकर फॉर्म भरते समय बैंक खाते का गलत विवरण दिया है, तो उसका आयकर रिफंड अटक सकता है. टैक्सपेयर्स अपने बैंक खाते के डिटेल्स को ऑनलाइन ही सुधार सकता है.

बैंक खाते का पूर्व सत्यापन (Pre-Verification) नहीं होना-

आईटीआर रिफंड 2020 में देरी का दूसरा सबसे बड़ा संभावित कारण यह हो सकता है. दरअसल व्यक्ति का बैंक खाता नंबर पूर्व-सत्यापित यानि प्री-वेरिफिकेशन जरुरी है. यदि टैक्सपेयर्स पहले से उस बैंक खाते का सत्यापन नहीं करता है जिसमें आयकर विभाग आईटीआर रिफंड करने वाला है, तो आपका काम अटक जाता है. इसलिए, टैक्सपेयर्स को आयकर विभाग से जुड़े बैंक खाते का समय पर सत्यापन करना बेहद जरुरी है.

आईटीआर का सत्यापन नहीं होना-

आयकर रिटर्न भरने के बाद टैक्सपेयर्स को आईटीआर को सत्यापित करना आवश्यक होता है. कई बार यह पाया गया है कि टैक्सपेयर्स समय पर आईटीआर फाइल करता है लेकिन रिटर्न को सत्यापित नहीं करता है. इस स्थिति में आईटीआर रिफंड भी अटक जाता है. इसलिए टैक्सपेयर्स को आईटीआर रिफंड जल्दी वापस पाने के लिए यह काम नहीं भूलना चाहिए.

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