आयकर विभाग ने करदाताओं के लिए जारी किया ई-कैलेंडर, जानें अपने आईटीआर की डेडलाइन
अगर आपको भी टैक्स भरने की तिथियों को याद रखने में दिक्कत होती है तो अब इस समस्या का समाधान मिल गया है. दरअसल नए साल के मौके पर आयकर विभाग ने टैक्स संबंधित सभी महत्वपूर्ण तारीखों को बताने वाला ई-कैलेंडर जारी किया है.
नई दिल्ली: अगर आपको भी टैक्स भरने की तिथियों को याद रखने में दिक्कत होती है तो अब इस समस्या का समाधान मिल गया है. दरअसल नए साल के मौके पर आयकर विभाग ने टैक्स संबंधित सभी महत्वपूर्ण तारीखों को बताने वाला ई-कैलेंडर जारी किया है. "फाइल इट योरसेल्फ" (File-it-yourself) नाम के इस कैलेंडर में टैक्स से जुड़ी हर डेडलाइन दी गई है.
इस तरह के कैलेंडर को जारी करने के पीछे विभाग का मुख्य उद्देश्य करदाताओं को अपने आयकर रिटर्न (आईटीआर) आसानी से दर्ज करने में मदद करना है. इस ई-कैलेंडर के जरिए अपने आईटीआर (ITR) स्टेटस की भी जानकारी हासिल की जा सकती है. आयकर विभाग की ओर से करदाताओं को भेजे गए एक ईमेल में कहा गया है "यहां आपके लिए महत्वपूर्ण तिथियों के साथ एक कैलेंडर है, ताकि आपको अगर कोई चीज याद न हो तो उसे यह याद दिला दे." PAN-Aadhaar Link Date Extended: अब नो टेंशन, पैन और आधार लिंक कराने की डेडलाइन 31 मार्च तक बढ़ी
कैलेंडर 31 दिसंबर 2019 को समाप्त तिमाही के लिए करदाताओं को जनवरी के लिए टीसीएस और टीडीएस जमा करने की अंतिम तारीखों के बारे में बताएगी. इसी तरह, 15 मार्च और 31 मार्च को वर्ष 2020 के लिए अग्रिम कर की चौथी और अंतिम किस्त के भुगतान की तारीखें भी दर्शाएगी.
साथ ही इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के तिमाही चार के लिए टीसीएस विवरण जमा करने की अंतिम तिथि 15 मई है. वहीं 15 जून और 31 जुलाई को आकलन वर्ष (Assessment Year) 2021-22 के लिए अग्रिम कर की पहली किस्त का भुगतान करने की अंतिम तिथि है. और यही अधिकांश व्यक्तियों के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की भी डेडलाइन है.
उल्लेखनीय है कि बीते साल आयकर विभाग ने आयकर रिटर्न की ई-फाइलिंग में ऊंची छलांग लगाकर नया इतिहास रचा था. 31 अगस्त, 2019 को एक ही दिन में 49 लाख 29 हजार 121 आईटीआर दाखिल किए गए. इस उपलब्धि ने संभवत: नया इतिहास रच दिया है, क्योंकि विश्व भर में कहीं भी कर प्रशासन ने एक ही दिन में अत्यंत सहजता के साथ इतनी बड़ी संख्या में आईटीआर की ऑनलाइन ई-फाइलिंग दर्ज नहीं की है.
आयकर विभाग सोशल मीडिया पर करदाताओं के साथ बड़ी सक्रियता के साथ संवाद करता रहा है, ताकि उनकी शिकायतों का निवारण करने और ई-फाइलिंग से संबंधित सवालों का जवाब पाने में उन्हें मदद मिल सके.