NITI Aayog- Decline In Poverty: खुशखबरी! मोदी सरकार की शानदार उपलब्धि, 9 साल में गरीबी से बाहर आए करीब 25 करोड़ लोग

नई दिल्ली, 15 जनवरी 2023: नीति आयोग द्वारा आज जारी चर्चा पत्र '2005-06 से भारत में बहुआयामी गरीबी' से पता चलता है कि पिछले 9 वर्षों में भारत ने गरीबी उन्मूलन की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है. चर्चा पत्र के अनुसार, बहुआयामी गरीबी दर में 2013-14 के 29.17% (अनुमानित) से घटकर 2022-23 में 11.28% (अनुमानित) हो गई है. इसका मतलब है कि अनुमानित 24.82 करोड़ व्यक्ति पिछले 9 वर्षों में बहुआयामी गरीबी से बाहर निकलने में सफल रहे हैं.

यह गिरावट भारत के गरीबी उन्मूलन प्रयासों की सफलता को दर्शाती है. बहुआयामी गरीबी केवल आय पर आधारित नहीं होती है, बल्कि यह स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, आवास, बुनियादी सुविधाओं आदि जैसे कई आयामों को ध्यान में रखते हुए मापी जाती है. इस चर्चा पत्र से पता चलता है कि इन सभी क्षेत्रों में सुधार हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप गरीबी में व्यापक कमी आई है.

चर्चा पत्र में कुछ महत्वपूर्ण निष्कर्ष दिए गए हैं:

  • गरीबी में कमी ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में हुई है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में इसकी गति थोड़ी तेज रही है.
  • सभी सामाजिक-आर्थिक समूहों ने गरीबी में कमी का अनुभव किया है, लेकिन अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों में यह सबसे अधिक रहा है.
  • गरीबी में कमी के पीछे प्रमुख कारक आर्थिक विकास, सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों का विस्तार और सार्वजनिक सेवाओं में सुधार रहे हैं.

नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने कहा, "यह रिपोर्ट बताती है कि भारत गरीबी उन्मूलन के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में सही रास्ते पर है. हालांकि, अभी भी बहुत कुछ काम करने की जरूरत है. हमें गरीबी में बचे हुए लोगों तक पहुंचने और गरीबी उन्मूलन प्रयासों को और तेज करने की आवश्यकता है."