7th Pay Commission: डिफेंस पेंशन से जुड़ी इन बातों को शायद ही जानते होंगे आप, बजट का बड़ा हिस्सा होता है खर्च
केंद्र सरकार अपने लाखों पूर्व कर्मचारियों को विभिन्न प्रकार के पेंशन देती है. इसी तरह से देश की सुरक्षा में तैनात लोगों को रक्षा पेंशन दिया जाता है. रक्षा पेंशन (Defense Pension) का भुगतान एक जटिल प्रक्रिया होती है. इस प्रक्रिया में कई एजेंसियों को शामिल किया जाता है.
7th CPC News: केंद्र सरकार अपने लाखों पूर्व कर्मचारियों को विभिन्न प्रकार के पेंशन देती है. इसी तरह से देश की सुरक्षा में तैनात लोगों को रक्षा पेंशन दिया जाता है. रक्षा पेंशन (Defense Pension) का भुगतान एक जटिल प्रक्रिया होती है. इस प्रक्रिया में कई एजेंसियों को शामिल किया जाता है. मोदी सरकार ने लंबे समय से चली आ रही ‘वन रैंक वन पेंशन’ की मांग को कुछ साल पहले ही पूरा किया है. जिसका फायदा देशभर में लाखों रक्षा पेंशनरों को मिल रहा हैं. जबकि रक्षा पेंशन से जुड़े मामलों को निपटाने के लिए रक्षा पेंशन अदालत बनाया गया है. सैन्य बलों के पूर्व कर्मियों और उनके आश्रितों की पेंशन से संबंधित शिकायतों को दूर करने का काम रक्षा पेंशन अदालत के जरिए होता है. 7th Pay Commission: नाइट ड्यूटी करने वाले इन केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, नियमों में हुआ बड़ा बदलाव
केंद्र सरकार ने पेंशन से संबंधित सभी शिकायतों का एक मंच पर निपटान करने के लिए एक व्यापक पेंशन पोर्टल भी बनाया हुआ है. वहीं, पेंशन के भुगतान के लिए परिव्यय सहित रक्षा बजट 2021-22 के लिए 4.78 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ा दिया गया, जबकि पिछले साल के 4.71 लाख करोड़ रुपये था. पेंशन बहिर्गमन को छोड़कर, सशस्त्र बलों के लिए केंद्रीय बजट में आवंटन 3.62 लाख करोड़ रुपये है.
उल्लेखनीय है कि सरकार ने 5 सितंबर, 2015 को वन रैंक वन पेंशन लागू किया. इसके तहत पिछले पेंशन भोगियों की पेंशन का पुन:नियतन कलेंडर वर्ष 2013 में सेवानिवृत्त होने वाले सैनिकों की पेंशन के आधार पर किया जाएगा. यह 1 जुलाई 2014 से प्रभावी हुआ है.
जबकि सभी पेंशन भोगियों के लिए पेंशन का पुन: नियतन समान रैंक पर तथा सेवा की समान अवधि तक सेवा के बाद 2013 में सेवानिवृत्त होने वाले सैन्य कर्मियों की अधिकतम तथा न्यूनतम पेंशन के औसत के आधार पर किया जाएगा. हालांकि औसत से अधिक पेंशन प्राप्त करने वाले कर्मियों की पेंशन में कोई बदलाव नहीं हुआ.