बीजिंग: ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटे’ मुहावरा चीन (China) पर एक दम सटीक बैठ रहा है. दरअसल चीनी विदेश मंत्री व स्टेट काउंसलर वांग यी (Wang Yi) ने भारत से पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में हुए गलवान झड़प (Galwan Clash) का कारण तलाशने और इस तनाव के दोषियों को सजा देने की अपील की है. हालांकि इस मसले पर अभी तक भारत की ओर से कोई अधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है.
चीनी दूतावास द्वारा प्रकाशित पत्रिका में विदेश मंत्री वांग यी ने गालवान घाटी में हुई हिंसा को लेकर कहा “भारत से आग्रह करता हूं कि वह पूरी तरह से जांच करे, उल्लंघन करने वालों को जवाबदेह ठहराए, सीमावर्ती सैनिकों को कड़ाई से अनुशासन में रखे और ऐसी घटनाये भविष्य में फिर से नहीं हो, इसे सुनिश्चित करने के लिए भड़काऊ कृत्यों को तुरंत बंद करें.” विश्व के सामने बड़ा संकट, चीन ने ब्राजील से आए Frozen Chicken में कोरोना वायरस पाए जाने का किया दावा!
Urge India to conduct thorough investigation, hold violators accountable, strictly discipline frontline troops & immediately stop provocative acts to ensure such incidents won't occur again: Chinese Foreign Min-State Councilor in magazine published by Chinese Embassy, on #Galwan pic.twitter.com/2RRlZkistd
— ANI (@ANI) August 14, 2020
उल्लेखनीय है कि भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में तब हालात और खराब हो गए जब 15 जून को गलवान घाटी में चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों के साथ खूनी झड़प की. इस झड़प में भारत के 20 सैन्यकर्मी शहीद हुए थे, जबकि अमेरिका की एक खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन के 35 जवान हताहत हुए, लेकिन चीन ने पीएलए (पीपल्स लिबरेशन आर्मी) जवानों के हताहत होने की जानकारी अब तक छुपा रखी है.
इस घटना के बाद से भारत और चीन दोनों देशों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी. बताया जा रहा है कि बीजिंग ने 3,488 किलोमीटर लंबी एलएसी की गहराई वाले क्षेत्रों में सैन्य टुकड़ियां बढ़ाने के साथ ही अन्य सामग्रियों की आपूर्ति शुरू कर दी है. चीनी पक्ष ने एलएसी, पश्चिमी (लद्दाख), मध्य (उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश) और पूर्वी (सिक्किम, अरुणाचल) के तीन क्षेत्रों में सेना, तोपखाने और कवच का निर्माण शुरू कर दिया है. चीन ने उत्तराखंड के लिपुलेख र्दे के पास भी सैनिकों को जुटाया है. भारत, नेपाल और चीन के बीच एक त्रिकोणीय जंक्शन लिपुलेख दर्रा, कालापानी घाटी में स्थित है.