देश की विकास दर में बड़ा उछाल: अप्रैल-जून तिमाही में GDP बढ़कर 8.2% हुई
जीडीपी वृद्धि का यह आधिकारिक आंकड़ा अर्थशास्त्रियों के अनुमान से बहुत बेहतर है. अर्थशास्त्रियों का मानना था कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 7.5 से 7.6 के बीच रहेगी.
नई दिल्ली: मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल से जून) में देश का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 8.2 प्रतिशत बढ़ा है. मैन्यूफैक्चरिंग और फार्म सेक्टर के बेहतरीन प्रदर्शन की वजह से ऐसा मुमकिन हुआ है. यह पिछले 2 सालों में सबसे ऊंची विकास दर है. शुक्रवार को सरकार ने जीडीपी के आंकड़े जारी किए. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के अनुसार, जीडीपी वृद्धि दर 2011-12 की कीमतों पर वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही में 8.2 प्रतिशत दर्ज की गई। 2017-18 की चौथी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 7.7 प्रतिशत थी.
जीडीपी वृद्धि का यह आधिकारिक आंकड़ा अर्थशास्त्रियों के अनुमान से बहुत बेहतर है. अर्थशास्त्रियों का मानना था कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 7.5 से 7.6 के बीच रहेगी. दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन की जून तिमाही की जीडीपी वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रिकॉर्ड की गई है, जबकि मार्च तिमाही का यह आंकड़ा 6.8 प्रतिशत था. यह भी पढ़े-GDP गणना की पुरानी पद्धति के अनुसार यूपीए सरकार सबसे बेहतर: चिदंबरम
2011-12 की स्थिर कीमतों के आधार पर 2018-19 की पहली तिमाही में देश की आनुमानित जीडीपी 33.74 लाख करोड़ रुपये दर्ज की गई, जो पिछले साल की पहली तिमाही में 31.18 लाख करोड़ रुपये थी. इस तरह 8.2 प्रतिशत की ग्रोथ रेट दर्ज हुई है.
बता दें कि सरकार ने 2015 में जीडीपी गणना के लिए बेस इयर को 2004-05 से बदलकर 2011-12 कर दिया था.
भारत की 2.6 लाख करोड़ डॉलर वाली अर्थव्यवस्था ने 2017 में फ्रांस को पीछे छोड़कर दुनिया की छठवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का दर्जा हासिल किया है. वर्ल्ड बैंक के मुताबिक अगले साल तक यह यूके को पीछे छोड़कर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाएगा.