बीते 5 वर्षों में 325 फीसदी बढ़ा भारत का रक्षा निर्यात, पीएम मोदी बोले- 7 नई कंपनियां देश की सैन्य ताकत का मजबूत आधार होंगी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने शुक्रवार को कहा कि पिछले पांच सालों में भारत का रक्षा निर्यात (Defense Export of India) 325 फीसदी बढ़ा है. रक्षा मंत्रालय (Defense Ministry of India) द्वारा सात नई रक्षा कंपनियों को राष्ट्र को समर्पित करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए, मोदी ने कहा कि इन कंपनियों को बनाने का निर्णय लंबे समय से अटका हुआ था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने शुक्रवार को कहा कि पिछले पांच सालों में भारत का रक्षा निर्यात (Defense Export of India) 325 फीसदी बढ़ा है. रक्षा मंत्रालय (Defense Ministry of India) द्वारा सात नई रक्षा कंपनियों को राष्ट्र को समर्पित करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए, मोदी ने कहा कि इन कंपनियों को बनाने का निर्णय लंबे समय से अटका हुआ था. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ये 7 नई कंपनियां आने वाले समय में देश की सैन्य ताकत के लिए एक मजबूत आधार का निर्माण करेंगी. Jammu-Kashmir: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ शुरू
भारतीय आयुध कारखानों के गौरवशाली अतीत की चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद की अवधि में इन कंपनियों के उन्नयन की अनदेखी की गई, जिससे देश अपनी जरूरतों के लिए विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भर हो गया. उन्होंने कहा, "ये 7 रक्षा कंपनियां इस स्थिति को बदलने में प्रमुख भूमिका निभाएंगी."
पीएम मोदी ने कहा कि कार्यात्मक स्वायत्तता, दक्षता एवं नई विकास क्षमता और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने आयुध निर्माणी बोर्ड को सरकारी विभाग से सौ फीसदी सरकारी स्वामित्व वाली 7 कॉर्पोरेट संस्थाओं में बदलने का फैसला किया है, जो देश की रक्षा तैयारियों में आत्मनिर्भरता में सुधार के उपाय के रूप में है.
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि ये नई कंपनियां आत्मनिर्भर भारत के ²ष्टिकोण के अनुरूप आयात प्रतिस्थापन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी. पीएम मोदी ने कहा कि इन कंपनियों को 65,000 करोड़ रुपये से अधिक के ऑर्डर प्लेस किए हैं जो इन कंपनियों में देश के विश्वास को दिखाता है.
मोदी ने हाल के दिनों में की गई विभिन्न पहलों और सुधारों को याद किया, जिससे रक्षा क्षेत्र में विश्वास, पारदर्शिता और प्रौद्योगिकी प्रेरित ²ष्टिकोण पैदा हुआ जो इससे पहले कभी नहीं देखा गया. उन्होंने कहा कि आज निजी और सार्वजनिक क्षेत्र राष्ट्रीय सुरक्षा के मिशन में साथ-साथ काम कर रहे हैं.
उन्होंने नए ²ष्टिकोण के उदाहरण के रूप में उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु रक्षा गलियारों का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि युवाओं और एमएसएमई के लिए नए अवसर उभर रहे हैं और इस तरह देश हाल के वर्षों में नीतिगत बदलावों का परिणाम देख रहा है. उन्होंने कहा, "पिछले पांच वर्षों में हमारा रक्षा निर्यात 325 प्रतिशत बढ़ा है. यह हमारा लक्ष्य है कि हमारी कंपनियां न केवल अपने उत्पादों में विशेषज्ञता स्थापित करें बल्कि एक वैश्विक ब्रांड भी बनें."
उन्होंने आग्रह किया कि जहां प्रतिस्पर्धी लागत हमारी ताकत है, वहीं गुणवत्ता और विश्वसनीयता हमारी पहचान होनी चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि 21वीं सदी में, किसी भी राष्ट्र या किसी कंपनी का विकास और ब्रांड मूल्य उसके अनुसंधान एवं विकास और नवाचार से निर्धारित होता है.
उन्होंने नई कंपनियों से अपील की कि अनुसंधान और नवाचार उनकी कार्य संस्कृति का हिस्सा होना चाहिए, ताकि वे भविष्य की प्रौद्योगिकियों में अगुवाई करें. उन्होंने कहा कि यह पुनर्गठन नई कंपनियों को नवाचार और विशेषज्ञता का विकसित करने के लिए अधिक स्वायत्तता प्रदान करेगा और नई कंपनियों को ऐसी प्रतिभा को प्रोत्साहित करना चाहिए. उन्होंने स्टार्टअप्स से इन कंपनियों के माध्यम से एक दूसरे के अनुसंधान और विशेषज्ञता का लाभ उठाने के लिए इस नई यात्रा का हिस्सा बनने का आग्रह किया.
उन्होंने उल्लेख किया कि सरकार ने इन नई कंपनियों को न केवल बेहतर उत्पादन वातावरण दिया है, बल्कि पूर्ण कार्यात्मक स्वायत्तता भी दी है. उन्होंने दोहराया कि सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि कर्मचारियों के हितों की पूरी तरह से रक्षा की जाए.
जिन सात नई रक्षा कंपनियों को शामिल किया गया है, जिनके नाम म्यूनिशन्स इंडिया लिमिटेड (एमआईएल); आर्मर्ड व्हीकल्स निगम लिमिटेड (अवनी); एडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (एडब्ल्यूई इंडिया); ट्रूप कम्फर्ट्स लिमिटेड (टीसीएल) (ट्रूप कम्फर्ट आइटम्स); यंत्र इंडिया लिमिटेड (वाईआईएल); इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड (आईओएल); और ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड (जीआईएल) हैं.