Indian Employment Report: 2024 में नई नौकरी पर विचार कर रहे हैं 88 प्रतिशत भारतीय पेशेवर, 2023 की तुलना में चार परसेंट की बढ़ोतरी
एक ताजा रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि भारत में लगभग 10 में से नौ (88 प्रतिशत) पेशेवर आर्थिक अनिश्चितता के बावजूद 2024 में नई नौकरी पर विचार कर रहे हैं. पेशेवर नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म लिंक्डइन के अनुसार, 2023 की तुलना में संख्या में चार प्रतिशत की (वर्ष-दर-वर्ष) वृद्धि हुई है.
नई दिल्ली, 17 जनवरी: एक ताजा रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि भारत में लगभग 10 में से नौ (88 प्रतिशत) पेशेवर आर्थिक अनिश्चितता के बावजूद 2024 में नई नौकरी पर विचार कर रहे हैं. पेशेवर नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म लिंक्डइन के अनुसार, 2023 की तुलना में संख्या में चार प्रतिशत की (वर्ष-दर-वर्ष) वृद्धि हुई है. यह भी पढ़ें: Fitch Ratings: भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए तैयार, फिच ने अपनी रिपोर्ट में किया दावा
रिपोर्ट में कहा गया, ''यह दृष्टिकोण में बदलाव का संकेत देता है, जहां पेशेवर अपने करियर के मालिक खुद हैं और अपने करियर विकास पर ध्यान केंद्रित करके खोए हुए समय की भरपाई करना चाहते हैं.''
24 नवंबर, 2023 से 12 दिसंबर, 2023 के बीच पूरे भारत में फुल टाइम और पार्ट टाइम जॉब वाले 1,097 पेशेवरों का सर्वेक्षण किया गया. लिंक्डइन की करियर एक्सपर्ट और सीनियर मैनेजिंग एडिटर निरजिता बनर्जी ने कहा, "अपनी नौकरी की तलाश में सफल होने के लिए, पेशेवरों के लिए यह आवश्यक है कि वे अपनी प्रोफाइल को बेहतर बनाने, अपने कौशल को उजागर करने और उद्योग के विकास के बारे में सूचित रहने के लिए टाइम दें."
उन्होंने कहा, "इससे उन्हें मनचाही नौकरी पाने की संभावना बढ़ने में मदद मिलेगी और मजबूती के साथ करियर बनाने के लिए आवश्यक कौशल विकसित करने में मदद मिलेगी."
इस चुनौतीपूर्ण आर्थिक माहौल में पेशेवरों के लिए नौकरी बदलने के सबसे बड़े कारणों में बेहतर कार्य जीवन संतुलन (42 प्रतिशत) और उच्च वेतन की आवश्यकता (37 प्रतिशत) शामिल है. वे करियर की नई राह तलाशने के भी इच्छुक हैं, 79 प्रतिशत का कहना है कि वे अपने उद्योग या भूमिका से बाहर अवसरों की तलाश कर रहे हैं.
इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग आधे (45 प्रतिशत) पेशेवर नहीं जानते कि अपने कौशल को अपनी इच्छित नौकरी के साथ कैसे मिलाया जाए, जिससे नौकरी खोजने की प्रक्रिया और अधिक कठिन हो जाती है.
आंकड़ों के मुताबिक, भारत में 2015 के बाद से नौकरियों के लिए कौशल में 30 प्रतिशत का बदलाव आया है.
पेशेवरों को भी नौकरी ढूंढना कठिन लग रहा है, 55 प्रतिशत का कहना है कि नौकरी की तलाश करना निराशाजनक है और 59 प्रतिशत का कहना है कि उन्हें भर्ती करने वालों से शायद ही कभी जवाब मिलता है.