2025 में लॉन्च होंगी 3 बड़ी एयरलाइंस, शंख एयर, एयर केरल और अलहिंद एयर की धमाकेदार एंट्री, एयर इंडिया और इंडिगो को मिलेगी टक्कर
2025 में भारतीय एविएशन सेक्टर को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए शंख एयर, एयर केरल और अलहिंद एयर की लॉन्चिंग होने जा रही है. उत्तर प्रदेश की पहली फुल-सर्विस एयरलाइन बनने वाली शंख एयर, जबकि एयर केरल भारत की पहली अल्ट्रा लो-कॉस्ट एयरलाइन होगी.

Indian Aviation Boom: 2025 भारतीय एविएशन उद्योग के लिए एक ऐतिहासिक वर्ष साबित होने वाला है. इस साल भारत में तीन नई एयरलाइंस - शंख एयर, एयर केरल और अलहिंद एयर लॉन्च होने जा रही हैं. वर्तमान में, भारत में कुल 12 यात्री एयरलाइंस संचालित हैं, लेकिन इनमें से केवल दो कंपनियां 90% से अधिक यात्री बाजार को नियंत्रित करती हैं. ऐसे में नई एयरलाइंस की एंट्री से इस सेक्टर में बड़ा बदलाव आने की संभावना है.
शंख एयर: उत्तर प्रदेश की पहली फुल-सर्विस एयरलाइन
शंख एयर उत्तर प्रदेश की पहली अनुसूचित फुल-सर्विस एयरलाइन बनने जा रही है. इसका संचालन आगामी नोएडा जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से होगा और यह राज्य के प्रमुख शहरों को एक-दूसरे से जोड़ने के साथ-साथ देशभर में हवाई सेवा उपलब्ध कराएगी.
शंख एयर की शुरुआती उड़ानें लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर और प्रमुख मेट्रो शहरों दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु के लिए होंगी. कंपनी मार्च 2025 तक अपना पहला नैरो-बॉडी एयरक्राफ्ट लीज पर लेने की योजना बना रही है और दो विमानों से संचालन शुरू करेगी. डीजीसीए के नियमों के अनुसार, पहले वर्ष में एयरलाइन को अपनी फ्लीट में कम से कम पांच विमान शामिल करने होंगे.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी विस्तार की योजना
शंख एयर 2027 तक अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की शुरुआत करने की योजना बना रही है. इसके चेयरमैन श्रवण कुमार विश्वकर्मा ने इस प्रोजेक्ट के लिए 50 मिलियन डॉलर की प्रारंभिक फंडिंग की है, जबकि इसकी पेरेंट कंपनी एम/एस शंख ट्रेडिंग प्रा. लि. ने 200 मिलियन डॉलर के निवेश का वादा किया है.
"हम उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में हवाई यात्रा को अधिक सुलभ और सुविधाजनक बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. प्रतिस्पर्धी किरायों और उत्कृष्ट ग्राहक सेवा के साथ, हमारा लक्ष्य हवाई यात्रा के मानकों को नए स्तर पर ले जाना है," - श्रवण कुमार विश्वकर्मा, चेयरमैन, शंख एयर.
केरल को मिलेगा दो नई एयरलाइंस का हब स्टेट का दर्जा
2025 में केरल भी भारतीय एविएशन उद्योग के नक्शे पर खास जगह बनाएगा क्योंकि एयर केरल और अलहिंद एयर राज्य से परिचालन शुरू करेंगी. ये दोनों एयरलाइंस मुख्य रूप से दक्षिणी राज्यों की क्षेत्रीय मांग को पूरा करेंगी और गल्फ देशों तक अपनी सेवाएं विस्तारित करेंगी.
एयर केरल: भारत की पहली अल्ट्रा लो-कॉस्ट एयरलाइन
एयर केरल भारत की पहली अल्ट्रा लो-कॉस्ट कैरियर (ULCC) बनने जा रही है. यह एयरलाइन 2025 में घरेलू और 2026 में अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू करने की योजना बना रही है. इसका मुख्य उद्देश्य केरल के टियर-2 और टियर-3 शहरों को बड़े हब से जोड़ना और मध्य पूर्व में बसे मलयाली समुदाय की सेवा करना है.
2005 में केरल सरकार द्वारा प्रस्तावित इस एयरलाइन को नियामक बाधाओं के कारण शुरू नहीं किया जा सका था, लेकिन अब यह Zettfly Aviation Pvt. Ltd. के तहत निजी तौर पर संचालित होगी. यह एयरलाइन यूएई के उद्यमी अफी अहमद और अयूब कल्लड़ा के नेतृत्व में शुरू हो रही है.
एयर केरल अपनी शुरुआत तीन ATR 72-600 विमानों के साथ करेगी, जो कि अपनी ईंधन दक्षता के लिए प्रसिद्ध हैं. इसका संचालन कोचीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट से किया जाएगा.
"हम हवाई यात्रा को आम जनता के लिए सुलभ बनाना चाहते हैं ताकि यह स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में मदद कर सके. हम सबसे किफायती दरों पर यात्रा की सुविधा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं," - अफी अहमद, चेयरमैन, एयर केरल.
अलहिंद एयर: केरल की दूसरी प्रमुख क्षेत्रीय एयरलाइन
केरल की दूसरी नई एयरलाइन अलहिंद एयर होगी, जो कि कोझिकोड स्थित अलहिंद ग्रुप द्वारा संचालित की जाएगी. यह एयरलाइन पहले क्षेत्रीय यात्री सेवाओं पर ध्यान केंद्रित करेगी और दो वर्षों के भीतर गल्फ देशों में उड़ान सेवाएं शुरू करने की योजना बना रही है.
इस एयरलाइन की उड़ानें कोचीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट से शुरू होंगी और शुरुआत में इसके पास दो ATR 72-600 विमान होंगे. पहले वर्ष के भीतर, यह अपने बेड़े में सात विमान जोड़ने की योजना बना रही है.
अलहिंद एयर के प्रवक्ता ने कहा- "हम क्षेत्रीय हवाई यात्रा को एक नया आयाम देना चाहते हैं. हमारा लक्ष्य यात्रियों को विश्वसनीय, कुशल और संतोषजनक यात्रा अनुभव प्रदान करना है."
नए एयरलाइंस से भारतीय एविएशन सेक्टर को क्या लाभ होगा?
- बेहतर कनेक्टिविटी: छोटे शहरों और प्रमुख हब्स के बीच सीधी उड़ानों की संख्या बढ़ेगी.
- कम किराए: एयर केरल जैसे ULCC मॉडल से हवाई यात्रा अधिक किफायती होगी.
- नई नौकरियां: एविएशन सेक्टर में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे.
- प्रतिस्पर्धा में वृद्धि: इंडिगो और एयर इंडिया का एकाधिकार खत्म होने की संभावना है.
हालांकि, इन एयरलाइंस की लॉन्चिंग डेट अभी तय नहीं हुई है, क्योंकि डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) से फाइनल एयर ऑपरेटर सर्टिफिकेट (AOC) मिलने की प्रक्रिया बाकी है. लेकिन एक बात स्पष्ट है कि 2025 भारतीय एविएशन उद्योग के लिए क्रांतिकारी बदलाव लेकर आएगा.