Agnipath Scheme: वापस नहीं होगी अग्निपथ योजना, सेना ने कहा- बवाल मचाने वालों के लिए Army में कोई जगह नहींं
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी (Photo Credits Twitter)

Agnipath Scheme: अग्निपथ स्कीम पर विरोध के बीच दिल्ली में तीनों सेनाओं ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. सेना ने अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सेना को युवा लोगों की जरूरत है. आज सेना की औसत उम्र 32 साल है, इसे हम कम करके 26 साल पर करने की कोशिश कर रहे हैं. Agnipath Scheme को लेकर तेजस्वी यादव ने दागे 20 सवाल, केंद्र से पूछा- क्या ये मनरेगा जैसा रोजगार?

लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि युवा ज्यादा रिस्क ले सकते हैं ये हम सभी को पता है. उन्होंने कहा कि 1989 में इस योजना पर विचार करना शुरू हो गया था और इसे लागू करने से पहले कई देशों में सेना में नियुक्तियों और वहां के एग्जिट प्लान का अध्ययन किया गया है. सेना ने कहा संयुक्त बयान में कहा है कि अग्निपथ स्कीम वापस नहीं होगा. "कोचिंग संस्थान छात्रों को भड़का और उकसा रहे हैं. उन्हें हिंसा और प्रदर्शन में हिस्सा नहीं लेना चाहिए. "

भारतीय वायुसेना में 24 जून से शुरू होगी प्रक्रिया 

एयर मार्शल एसके झा ने कहा कि भारतीय वायुसेना में 24 जून से अग्निवीरों के पहले बैच को लेने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. यह एक ऑनलाइन सिस्टम है. उसी के तहत उसपर रजिस्ट्रेशन शुरू होगा. एक महीने बाद 24 जुलाई से फैज-1 ऑनलाइन परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी.

नौसेना एक महीने के अंदर भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी

नौसेना के वाइस एडमिरल डी.के. त्रिपाठी हमने अपनी भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है. 25 जून तक हमारा एडवरटाइजमेंट सूचना और प्रसारण मंत्रालय में पहुंच जाएगा. एक महीने के अंदर भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. 21 नवंबर को हमारे पहले अग्निवीर हमारे ट्रेनिंग संस्थान में रिपोर्ट करेंगे.

सेना में आगजनी, तोड़फोड़ करने वालों के लिए कोई जगह नहीं

योजना के विरोध पर लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा "अनुशासन भारतीय सेना की नींव है. इसमें आगजनी, तोड़फोड़ के लिए कोई जगह नहीं. प्रत्येक व्यक्ति एक प्रमाण पत्र देगा कि वे विरोध या बर्बरता का हिस्सा नहीं थे. इसका पुलिस सत्यापन होगा है, उसके बिना कोई शामिल नहीं हो सकता."

अग्निवीरों को मिलेंगी ये सुविधाएं

  • चार साल के लिए वायुसेना में भर्ती.
  • हर साल 30 दिन की छुट्टी
  • सिक लीव भी मिलेगा.
  • हर महीने 30 हजार की सैलरी.
  • हर साल इन्क्रीमेंट.
  • रिस्क, ट्रेवल, ड्रेस और हार्डशिप अलाउंस.
  • कैंटीन सुविधा और मेडिकल सुविधा.
  • चार साल के बाद अग्निवीरों को 10.04 लाख सेवा निधि के रूप में.
  • असम राइफल्स और सीएपीएफ में नौकरियों में वरीयता.
  • शहादत पर परिवार को बीमा समेत करीब एक करोड़ की राशि.
  • विकलांगता पर  एक्स-ग्रेशिया और बची हुई नौकरी की सैलरी और सेवा निधि.
  • वायुसेना की गाइडलाइंस के अनुसार ऑनर और अवॉर्ड.

सेना ने कहा कि अगले 4-5 वर्षों में, हम 50-60 हजार सैनिकों की बहाली करेंगे और बाद में इसे बढ़ाकर 90 हजार से 1 लाख तक किया जाएगा. हमने योजना का विश्लेषण करने के लिए 46,000 जवानों से छोटी शुरुआत की है.

सेना ने कहा कि 'अग्निवर' को सियाचिन और अन्य क्षेत्रों जैसे क्षेत्रों में वही भत्ता और सुविधाएं मिलेंगी जो वर्तमान में नियमित सैनिकों पर लागू होती है. सेवा शर्तों में उनके साथ कोई भेदभाव नहीं होगा. जो कपड़े सेना के जवान पहनते हैं वहीं कपड़े अग्निवीर पहनेंगे, जिस लंगर में सेना के जवान खाना खाते हैं वहीं पर अग्निवीर खाएंगे. जहां पर सेना के जवान रहते हैं वहीं पर अग्निवीर ही रहेंगे. लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा देश की सेवा में बलिदान देने वाले अग्निवीरों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा.