कनाडा ने आरोप लगाया है कि भारत सिख अलगाववादियों पर हमलों के लिए बिश्नोई गैंग का इस्तेमाल कर रहा है. भारत का बिश्नोई गैंग भारत में कई हत्याओं में संदिग्ध है.भारत का बिश्नोई गैंग दक्षिण एशिया में हत्या और वसूली के लिए कुख्यात है, लेकिन अब इसकी पहुंच विदेशों में भी दिखाई दे रही है. कनाडा ने कहा है कि भारत ने एक सिख अलगाववादी नेता की हत्या के लिए बिश्नोई गैंग का इस्तेमाल किया.
गैंग का कथित प्रमुख, 31 वर्षीय लॉरेंस बिश्नोई, पिछले लगभग एक दशक से जेल में है. वह इस समय भारत के गुजरात राज्य की एक जेल में बंद है और उस पर पाकिस्तान से हेरोइन की तस्करी के मामले में मुकदमा चल रहा है.
इस गैंग पर 2022 में एक लोकप्रिय सिख रैपर की हत्या और इसी महीने मुंबई में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की पेशेवर तरीके से की गई हत्या का भी शक है.
अब कनाडा पुलिस ने इस पर 11,500 किलोमीटर दूर एक हत्या में शामिल होने का शक जताया है. यह वही हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का मामला है जिसके कारण भारत और कनाडा के बीच बड़ा कूटनीतिक विवाद खड़ा हो गया है.
कनाडा में बिश्नोई ग्रुप का नाम
रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आसीएमपी) ने कहा कि भारत "संगठित अपराध समूहों" का इस्तेमाल कर दक्षिण एशियाई प्रवासियों और सिख अलगाववादियों को निशाना बना रहा है. इसमें उन्होंने "बिश्नोई ग्रुप" का नाम लिया.
आरसीएमपी के असिस्टेंट कमिश्नर ब्रिगिट गोविन ने पत्रकारों से कहा, "हम मानते हैं कि यह ग्रुप भारत सरकार के एजेंटों से जुड़ा है."
सिख खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की जून 2023 में वैंकूवर में उनके घर के पास एक पार्किंग में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. कनाडा की पुलिस ने इस मामले में चार भारतीय नागरिकों को गिरफ्तार किया है.
बीते सोमवार कनाडा ने आरोप लगाया था कि उच्चायुक्त समेत छह भारतीय राजनयिकों का संबंध इस हत्या से है. कनाडा ने इन लोगों पर मुकदमा चलाने के लिए भारत से उनकी राजनयिक सुरक्षा वापस लेने का आग्रह किया था. लेकिन भारत ने इन आरोपों को गलत बताया, जिसके बाद इन छह अधिकारियों को निष्कासित कर दिया गया. बदले में भारत ने भी कनाडा के छह राजनयिकों को निष्कासित कर दिया.
भारत ने इन आरोपों को "बेतुका" और "राजनीतिक लाभ के लिए भारत को बदनाम करने की रणनीति" बताया है.
कौन है लॉरेंस बिश्नोई
लॉरेंस बिश्नोई को 2019 में पांच साल की सजा सुनाई गई थी. उस पर छह आरोप थे, जिनमें पुलिस अधिकारियों के खिलाफ हत्या के प्रयास के दो मामले, ड्रग तस्करी और हथियार रखने के आरोप शामिल थे.
वह इस समय गुजरात राज्य के अहमदाबाद शहर की एक जेल में बंद है. माना जाता है कि बिश्नोई जेल से अपने गैंग को अब भी चला रहा है.
लॉरेंस, एक किसान परिवार से आता है. 2010 में जब वह किशोर था, तब वह संगठित अपराध में आया. पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक उसने छात्र राजनीति में भी हाथ आजमाया और अपने प्रतिद्वंद्वियों को डराने-धमकाने लगा.
गैंग 2022 में राष्ट्रीय सुर्खियों में आया जब रैपर शुभदीप सिंह सिद्धू, जिन्हें सिद्धू मूसे वाला के नाम से जाना जाता था, की पंजाब में गोली मारकर हत्या कर दी गई.
कनाडा में रहने वाले एक भगोड़े गोल्डी बराड़ उर्फ सतींदर जीत सिंह ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली. गोल्डी बराड़ को भारत ने "आतंकवादी" घोषित किया है.
बिश्नोई गैंग का दावा है कि वे राजस्थान के रेगिस्तान में रहने वाले बिश्नोई हिंदू समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं. उसने बॉलीवुड स्टार सलमान खान को जान से मारने की धमकी दी थी, क्योंकि उन्होंने दो काले हिरणों का शिकार किया था, जिन्हें बिश्नोई समुदाय अपने गुरु का पुनर्जन्म मानता है.
अप्रैल में भारतीय पुलिस ने इस गैंग के दो सदस्यों को मुंबई में सलमान खान के घर पर गोली चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया था. इसी महीने, बिश्नोई गैंग का नाम एक और प्रमुख हत्या में आया, जब पुलिस ने कहा कि इसके सदस्य मुंबई के बाबा सिद्दीकी की हत्या में शामिल थे. सिद्दीकी एक राजनेता थे और फिल्म उद्योग में भी उनके गहरे संपर्क थे.
सबूतों पर आरोप-प्रत्यारोप
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर लगाए गए आरोपों को लेकर माना है कि जब उन्होंने पिछले साल संसद में बयान दिया था तब उनके पास ठोस सबूत नहीं थे. एक सार्वजनिक जांच के दौरान उन्होंने कहा कि भारत के एजेंटों के खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का कोई ठोस सबूत नहीं था.
ट्रूडो ने कहा कि उनके आरोप खुफिया जानकारी पर आधारित थे, न कि पक्के सबूतों पर. उन्होंने कहा, "मुझे बताया गया था कि कनाडा और शायद फाइव आईज सहयोगियों की खुफिया जानकारी से यह काफी साफ, बेहद साफ था कि इसमें भारत शामिल था... भारत सरकार के एजेंट कनाडा की धरती पर एक कनाडाई की हत्या में शामिल थे."
यह बयान उस समय आया जब भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक तनाव बढ़ा हुआ है. ट्रूडो ने 2023 में यह आरोप लगाए थे. भारत सरकार ने इन आरोपों को लगातार खारिज किया है और कहा है कि कनाडा ने कोई सबूत नहीं दिया है.
बुधवार को भारत के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में फिर से यही कहा, "आज हमने जो सुना, वह केवल यही पुष्टि करता है कि कनाडा ने भारत के खिलाफ लगाए गए गंभीर आरोपों का समर्थन करने के लिए हमें कोई सबूत नहीं दिया है."
वीके/एए (रॉयटर्स, एएफपी)