पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग का हब बनने को तैयार: आईसीईए चेयरमैन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आने वाले वर्षों में भारत वैश्विक स्तर पर इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग का हब बनने को तैयार है.
नई दिल्ली, 9 जून : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आने वाले वर्षों में भारत वैश्विक स्तर पर इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग का हब बनने को तैयार है. इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) के चेयरमैन पंकज मोहिन्द्रू ने रविवार को ये बात कही.
मोहिन्द्रू ने कहा कि पिछले एक दशक में मोबाइल फोन इंडस्ट्री में काफी तेज ग्रोथ देखने को मिली है और इस दौरान भारत में कुल 50 अरब फोन मैन्युफैक्चर हुए हैं. इसने देश में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग की एक मजबूत नींव स्थापित की है. यह भी पढ़ें : PM Modi’s Oath Ceremony: नरेंद्र मोदी ने संभावित मंत्रियों को दिए निर्देश, 100 दिनों के रोडमैप और विकसित भारत के लिए करें काम
मोहिन्द्रू ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "एक देश के रूप में हमें सभी सेक्टर में तेजी से आगे बढ़ना होगा. मोबाइल के साथ भारत आईटी हार्डवेयर, लैपटॉप, डेस्कटॉप, सर्वर, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटो इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य क्षेत्रों में भी इलेक्ट्रॉनिक्स का ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनने को तैयार है. हाल ही में आई एक रिपोर्ट में आईसीईए ने कहा कि भारत का उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन को वित्त वर्ष 2026 तक 300 अरब डॉलर तक पहुंचाना है. इससे देश में करीब 90 से 100 अरब डॉलर के सेमीकंडक्टर की मांग पैदा होगी.
मोहिन्द्रू ने आगे कहा कि भारत एक वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग के हब बनने की तरफ तेजी से बढ़ रहा है. पिछले 10 वर्षों में इसमें करीब 400 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. आईसीईए के डेटा के मुताबिक, घरेलू बाजार अगले पांच वर्षों में 65 अरब डॉलर से बढ़कर 180 अरब डॉलर हो सकता है. 2026 तक भारत का इलेक्ट्रॉनिक गुड्स का निर्यात बढ़कर 120 अरब डॉलर हो सकता है, जो कि 2021-22 में 15 अरब डॉलर था.