कोरोना से मुकाबले के लिए कई देशों को भारत से आस, इन देशों ने मांगी वैक्सीन
वैक्सीन (Photo Credits: IANS)

विदेश मंत्री एस जयशंकर (Subrahmanyam Jaishankar) ने शुक्रवार को भारत की वैक्सीन निर्माण क्षमता को ‘विश्व की फार्मेसी’ बताया और कहा कि कोविड-19 की चुनौती से पार पाने में मदद के लिए इस पर भरोसा किया जा सकता है. विदेश मंत्री का यह बयान संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस (António Guterres) के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने भारत की वैक्सीन निर्माण क्षमता को विश्व के लिए सबसे ‘सर्वश्रेष्ठ संपत्ति’ बताया है. वैश्विक टीकाकरण अभियान में भारत से प्रमुख भूमिका निभाने का आह्वान करते हुए संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने गुरुवार को कहा था कि भारत की वैक्सीन उत्पादन क्षमता विश्व के लिए ‘सर्वश्रेष्ठ संपत्ति’ है.

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा कि भारत में विकसित टीकों के उत्पादन की बहुत उच्च क्षमता है. हम इसके लिए भारतीय संस्थानों के संपर्क में हैं. उम्मीद है कि वैश्विक टीकाकरण अभियान में प्रमुख भूमिका निभाने के लिए भारत अपनी इन क्षमताओं का इस्तेमाल करेगा. यह भी पढ़े: दक्षिण अफ्रीका को भी भारत की कोरोना वैक्सीन पर पूरा भरोसा, सीरम इंस्टीट्यूट के Covishield को दी मंजूरी, जल्द शुरू होगा आयात

किन देशों ने भारत से मांगी वैक्सीन

इससे पहले गुरुवार को विदेश मंत्रालय के मुताबिक ने अगले कुछ दिनों में भारत ओमान को एक लाख वैक्सीन की खुराक, कैरिकोम देशों (कैरेबियाई समुदाय) को पांच लाख खुराक, निकारागुआ को दो लाख खुराक देने की योजना बनाई है. इस बीच भारत ने गुरुवार को बहरीन को टीकों की एक लाख खुराक दी, जो भारत से वैक्सीन प्राप्त करने वाला पहला खाड़ी देश है.

विदेश मंत्रालय के अनुराग श्रीवास्तव प्रवक्ता ने कहा, “हम आने वाले हफ्तों और महीनों में चरणबद्ध तरीके से टीकों की आपूर्ति जारी रखेंगे. इसके साथ ही श्रीवास्तव ने कहा, भारत सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, कनाडा, मंगोलिया, आदि को वाणिज्यिक आधार पर आगे की आपूर्ति भेजेगा. इसके अलावा अफ्रीका को 1 करोड़ (10 मिलियन) और 10 लाख (1 मिलियन) वैक्सीन की खुराक की आपूर्ति संयुक्त राष्ट्र के स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए करने जा रहे हैं.

इन देशों को अनुदान के रूप में मिली वैक्सीन

बता दें कि 20 जनवरी से भारत ने पड़ोसी और मित्र देशों में वैक्सीन की 55 लाख से अधिक खुराकें भेंट की हैं - भूटान- 1.5 लाख, मालदीव- 1 लाख, नेपाल-10 लाख, बांग्लादेश- 20 लाख, म्यांमार- 15 लाख, मॉरीशस- 1 लाख, सेशेल्स- 50,000, श्रीलंका- 5 लाख और बहरीन-1 लाख.