Chabahar Port: पाकिस्तान को बड़ा झटका, भारत का हुआ चाबहार बंदरगाह, ईरान के साथ हुई बड़ी डील
India and Iran Sign Agreement

नई दिल्ली: भारत और ईरान ने चाबहार में स्थित शाहिद बेहश्ती बंदरगाह के टर्मिनल के परिचालन के लिए सोमवार को एक दीर्घकालिक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए. ईरान स्थित भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर की गई पोस्ट में यह जानकारी दी. बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल की उपस्थिति में इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड और ईरान के पोर्ट्स एंड मेरिटाइम ऑर्गनाइजेशन ने अनुबंध पर हस्ताक्षर किए.

यह पहला मौका है जब भारत विदेश में स्थित किसी बंदरगाह का प्रबंधन अपने हाथ में लेगा. चाबहार बंदरगाह ईरान के दक्षिणी तट पर सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित है. इस बंदरगाह को भारत और ईरान मिलकर विकसित कर रहे हैं.

चाबहार बंदरगाह को लेकर हुआ समझौता

इस अवसर पर सोनोवाल ने कहा, "इस अनुबंध पर हस्ताक्षर के साथ हमने चाबहार में भारत की दीर्घकालिक भागीदारी की नींव रखी है. इस अनुबंध से चाबहार बंदरगाह की व्यवहार्यता और दृश्यता पर कई गुना प्रभाव पड़ेगा."

सोनोवाल ने कहा कि चाबहार न केवल भारत का निकटतम ईरानी बंदरगाह है बल्कि समुद्री परिवहन की दृष्टि से भी यह एक शानदार बंदरगाह है. उन्होंने ईरान के बंदरगाह मंत्री के साथ बैठक भी की. भारत क्षेत्रीय व्यापार खासकर अफगानिस्तान से संपर्क बढ़ाने के लिए चाबहार बंदरगाह परियोजना पर जोर दे रहा है. यह बंदरगाह 'अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा' (आईएनएसटीसी) परियोजना के एक प्रमुख केंद्र के तौर पर पेश किया गया है.

आईएनएसटीसी परियोजना भारत, ईरान, अफगानिस्तान, आर्मेनिया, अजरबैजान, रूस, मध्य एशिया और यूरोप के बीच माल-ढुलाई के लिए 7,200 किलोमीटर लंबी एक बहुस्तरीय परिवहन परियोजना है. विदेश मंत्रालय (एमईए) ने ईरान के साथ संपर्क परियोजनाओं पर भारत की अहमियत को रेखांकित करते हुए 2024-25 के लिए चाबहार बंदरगाह के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए थे.