भारत-चीन सीमा विवाद: US में विदेश मामलों की हाउस कमिटी के चेयरमैन Eliot Engel ने कहा, चीन की आक्रामकता चिंताजनक

भारत और चीन के बीच सीमा को लेकर हुए तनाव के बाद फिलहाल मामला नियंत्रण में हैं. वहीं चीन ने भी माना है कि भारत के साथ मिलकर वो मामलें को अच्छे से सुलझा लेगा. वहीं भारत और चीन के बीच हुए टकराव के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बायान आया था. जिसमें ट्रंप ने दोनों देश के बीच मध्यस्थता करने का प्रस्ताव रखा था. इसी बीच अमेरिका में विदेश मामलों की हाउस कमिटी के चेयरमैन एलियट एंगल (Eliot Engel) का भी एक बयान सामने आया है. जिसमें उन्होंने कहा कि भारत-चीन सीमा पर वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ चल रही चीनी आक्रामकता से मैं बेहद चिंतित हूं. उन्होंने कहा कि चीन को नियमों का पालन करना चाहिए और कूटनीति से इस मसले का हल निकालना चाहिए.

भारत-चीन सीमा (Photo Credit- Twitter)

भारत और चीन के बीच सीमा को लेकर हुए तनाव के बाद फिलहाल मामला नियंत्रण में हैं. वहीं चीन ने भी माना है कि भारत के साथ मिलकर वो मामलें को अच्छे से सुलझा लेगा. भारत और चीन के बीच हुए टकराव के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बायान आया था. जिसमें ट्रंप ने दोनों देश के बीच मध्यस्थता करने का प्रस्ताव रखा था. इसी बीच अमेरिका में विदेश मामलों की हाउस कमिटी के चेयरमैन एलियट एंगल (Eliot Engel) का भी एक बयान सामने आया है. जिसमें उन्होंने कहा कि भारत-चीन सीमा पर वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ चल रही चीनी आक्रामकता से मैं बेहद चिंतित हूं. उन्होंने कहा कि चीन को नियमों का पालन करना चाहिए और कूटनीति से इस मसले का हल निकालना चाहिए.

चेयरमैन एलियट एंगल ने कहा कि सभी देशों को समान नियमों का पालन करना चाहिए ताकि हम ऐसी दुनिया में न रहें जहां सही हो सके. मैं भारत के साथ अपनी सीमा के सवालों को हल करने के लिए चीन से मानदंडों का सम्मान करने और कूटनीति और मौजूदा विकल्पों का उपयोग करने का आग्रह करता हूं. वहीं अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने आरोप लगाया है कि चीन जमीनी स्तर पर अपनी रणनीतिक स्थिति का अपने लाभ के लिए उपयोग कर रहा है और दूसरों के लिए खतरा पैदा कर रहा है. भारत के साथ लगी अपनी सीमा पर भी वह लंबे समय से इसी तरह की हरकत कर रहा है. यह भी पढ़ें:- भारत-चीन सीमा विवाद: डोनाल्ड ट्रंप के दावों को नई दिल्ली ने किया खारिज, कहा- पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति के बीच 4 अप्रैल को आखिरी बार हुई थी बातचीत.

ANI का ट्वीट:- 

ANI का ट्वीट:- 

वहीं इससे पहले ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त बैरी ओ फैरेल ने कहा है कि उनकी सरकार दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती आक्रामकता के साथ-साथ अपने नागरिकों के व्यापक विरोध के बावजूद हांगकांग में सुरक्षा कानून लागू करने की चीन की योजना से चिंतित है. बता दें कि ट्रंप की पेशकश के बाद चीनी विदेश मंत्रालय ने भी कहा था कि दोनों देश बातचीत के माध्यम से सीमा संबंधी मुद्दों को हल करने में सक्षम हैं.वहीं चीन पर दबाव भी बढ़ने लगा है.

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