रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का बड़ा बयान, कहा- उकसाने पर भारत हमेशा मुंहतोड़ जवाब देने को तैयार

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि भारत पड़ोसी देशों के साथ बातचीत के जरिए विवादों को सुलझाने में विश्वास रखता है

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Photo Credits-ANI Twitter)

नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh)  ने सोमवार को कहा कि भारत पड़ोसी देशों के साथ बातचीत के जरिए विवादों को सुलझाने में विश्वास रखता है, लेकिन उकसाने पर वह हमेशा मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार रहता है. लद्दाख के कारू मिल्रिटी स्टेशन में भारतीय सेना की 14 कोर के अधिकारियों और जवानों को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि भारत एक शांतिप्रिय राष्ट्र है, जो कभी भी किसी भी तरह की आक्रामकता का सहारा नहीं लेता है, लेकिन साथ ही यह उकसाने पर करारा जवाब देने के लिए भी हमेशा तैयार रहता है.

उन्होंने पड़ोसी देशों के साथ बातचीत के जरिए विवादों को सुलझाने के सरकार के रुख को दोहराया, लेकिन देश को आश्वासन दिया कि देश की रक्षा एवं सुरक्षा से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जाएगा. भारतीय सेना लंबे समय से दो मोचरें पर युद्ध के खतरे के बीच तैनात है. चीन के साथ विवादित सीमा और पाकिस्तान के साथ चले आ रहे पुराने विवादों के बीच युद्ध जैसी स्थिति कई बार उत्पन्न हो चुकी है। इस बीच भारतीय जांबाज हाई अलर्ट पर हैं और किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए सेना की तैयारियां भी भरपूर पर हैं. यह भी पढ़े: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की पाक को नसीहत, कहा- आतंक के खिलाफ लड़ो वरना….

रक्षा मंत्री ने सशस्त्र बलों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है. उन्होंने एक ऐसी मजबूत सेना के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार के ²ष्टिकोण की पुष्टि करते हुए यह बात कही, जो हर स्थिति से निपटने में सक्षम हो. रक्षा मंत्री ने 2020 में गलवान घाटी की घटना के दौरान राष्ट्र की सेवा में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले वीर जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि देश उनके सर्वोच्च बलिदान को कभी नहीं भूलेगा.

उन्होंने घटना के दौरान भारतीय सेना द्वारा प्रदर्शित अनुकरणीय साहस की सराहना की और कहा कि देश को अपने सशस्त्र बलों पर गर्व है. उन्होंने 1965 के भारत-पाक युद्ध के साथ-साथ 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान उनके अमूल्य योगदान के लिए 14वीं कोर की सराहना भी की.

इस अवसर पर जनरल ऑफिसर-कमांडिंग-इन-चीफ, उत्तरी कमान लेफ्टिनेंट जनरल वाई. के. जोशी और 14 कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल पी. जी. के. मेनन के साथ अन्य उच्चाधिकारी मौजूद रहे.

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