Independence Day 2024: पंचायत से लेकर केंद्र तक, आम लोगों के जीवन को सुगम बनाने के लिए मिशन मोड में काम करें सरकारें- पीएम मोदी
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नई दिल्ली, 15 अगस्त : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंचायत से लेकर केंद्र तक, सरकार के सभी स्तरों से आम लोगों के जीवन को सुगम बनाने के लिए मिशन मोड में काम करने का आग्रह किया है. लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पंचायत स्तर से लेकर केंद्र सरकार के स्तर तक देश में 3 लाख के लगभग संस्थाएं काम कर रही हैं.

पीएम ने कहा, चाहे वो पंचायत हो, नगर पंचायत हो, नगर पालिका हो, महानगर पालिका हो, यूटी हो, राज्य हो, जिला हो या केंद्र हो. मैं अपनी इन 3 लाख इकाइयों से आह्वान करता हूं कि आप साल में अपने स्तर पर सामान्य मानव के लिए 2 रिफॉर्म करें और उसको जमीन पर उतारें. वह हर स्तर पर जनप्रतिनिधियों से चाहे वे किसी भी राजनीतिक दल से जुड़े हो, आह्वान करते हैं कि हम सबको मिशन मोड में आम लोगों के जीवन को सुगम बनाने के लिए, ईज ऑफ लिविंग के लिए काम करना चाहिए. यह भी पढ़ें : राष्ट्रपति के संबोधन में नेहरू का जिक्र न होना इतिहास से उन्हें मिटाने के अभियान का हिस्सा: कांग्रेस

उन्होंने कहा कि, मैं अपने युवाओं को भी कहना चाहता हूं कि वे अपनी दिक्कतों के बारे में सरकार को बताए,चिट्ठी लिखे. हर सरकार चाहे वो राज्य की हो या केंद्र की , संवेदनशील है और उनकी समस्याओं को दूर करने का प्रयास करेगी. उन्होंने कहा कि,लोगों के जीवन में सरकार का दखल कम हो, इस दिशा में भी हमने काम किया है.हमने देशवासियों के लिए 1,500 से ज्यादा कानूनों को खत्म कर दिया, ताकि कानूनों के जंजाल में देशवासियों को फंसना न पड़े.

सदियों से हमारे पास जो क्रिमिनल कानून थे, उन्हें हम न्याय संहिता के रूप में लाए हैं.इसके मूल में 'दंड नहीं, नागरिक को न्याय' के भाव को हमने प्रबल बनाया है.मैं हर स्तर पर सरकार के प्रतिनिधियों और जन-प्रतिनिधियों से आग्रह करता हूं कि हमें मिशन मोड में ईज ऑफ लिविंग के लिए कदम उठाने चाहिए. जहां सरकार की जरूरत हो वहां अभाव न हो और जहां सरकार की जरूरत नहीं है वहां सरकार का प्रभाव न हो,ऐसी व्यवस्था हमें बनानी है.

हमने बड़े रिफॉर्म्स जमीन पर उतारे हैं. गरीब हो, मध्यम वर्ग हो, वंचित हो, हमारी बढ़ती शहरी आबादी हो या हमारे नौजवानों के संकल्प हो, इन सभी के जीवन में बदलाव लाने के लिए हमने रिफॉर्म का मार्ग चुना.मैं देशवासियों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि रिफॉर्म के प्रति हमारी प्रतिबद्धता देश को मजबूती देने के इरादे से है.

रिफॉर्म का हमारा मार्ग आज ग्रोथ का ब्लूप्रिंट बना हुआ है. हम यह रिफॉर्म कोई राजनीतिक गुणा भाग के नजरिए से नहीं कर रहे हैं बल्कि हमारा एक ही संकल्प होता है - नेशन फर्स्ट. मेरा भारत महान बने, इसी संकल्प को लेकर हम कदम उठाते हैं. हमने बैंकिंग सेक्टर को मजबूत बनाने के लिए अनेक रिफॉर्म किए.आज उसके कारण हमारे बैंक विश्व के अग्रणी बैंकों में अपना स्थान बना चुके हैं. जब बैंक मजबूत होते हैं, तो फॉर्मल इकोनॉमी की ताकत भी बढ़ती है.

जिस प्रकार के कारनामे पहले हुए थे, उसके कारण हमारे बैंक संकटों से गुजर रहे थे. हमने बैंकिंग सेक्टर को मजबूत बनाने के लिए अनेक रिफॉर्म किए और आज उसके कारण हमारे बैंक विश्व के गिने-चुने मजबूत बैंकों में शामिल हैं. पीएम मोदी ने आगे कहा, दुर्भाग्य से हमारे देश में आजादी के बाद लोगों को एक प्रकार के माई-बाप कल्चर से गुजरना पड़ा- सरकार से मांगते रहो, सरकार के सामने हाथ फैलाते रहो.

किसी की सिफारिश के लिए रास्ते खोजने रहो, यही कल्चर था. लेकिन आज हमने गवर्नेंस के इस मॉडल को बदला. आज सरकार खुद लाभार्थी और हितार्थी के पास जाती है.आज सरकार खुद उसके घर तक गैस का चूल्हा, पानी, बिजली और आर्थिक मदद पहुंचाती है. आज सरकार खुद नौजवानों के कौशल विकास के लिए अनेक कदम उठा रही है.

10 साल के भीतर देशवासियों के सपनों को नई धार मिली है, आत्मविश्वास बढ़ा है. विश्व में भारत की साख बढ़ी है. यह भारत के लिए स्वर्ण युग है. वैश्विक परिस्थितियों की तुलना में भी देखें तो भारत के लिए यह स्वर्ण युग है. यह हमारा स्वर्णिम कालखंड है ,मेरे देशवासियों यह अवसर हमें जाने नहीं देना है और इसी मौके को पकड़ कर 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल कर लेंगे. आज देश में नए अवसर बने हैं, तो मैं कह सकता हूं कि 2 चीजें और हुई हैं, जिन्होंने विकास को एक नई गति दी है, विकास को नई छलांग दी है . हमने इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने की दिशा में बहुत बड़े कदम उठाए हैं.दूसरी तरफ सामान्य आदमी के ईज ऑफ लिविंग पर भी उतना ही बल दिया है.