Income Tax Department: आयकर विभाग की हैदराबाद में छापेमारी

आयकर विभाग ने हैदराबाद स्थित एक समूह की तलाशी और जब्ती अभियान चलाया है. यह समूह अचल संपत्ति, निर्माण, अपशिष्ट प्रबंधन और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में सक्रिय है.

इनकम टैक्स (Photo Credits: Pixabay)

नई दिल्ली, 9 जुलाई : आयकर विभाग (Income Tax Department) ने हैदराबाद स्थित एक समूह की तलाशी और जब्ती अभियान चलाया है. यह समूह अचल संपत्ति, निर्माण, अपशिष्ट प्रबंधन और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में सक्रिय है. इसकी अपशिष्ट प्रबंधन (वेस्ट मैनेजमेंट) की गतिविधियां पूरे भारत में फैली हुई हैं, जबकि रियल एस्टेट गतिविधियां मुख्य रूप से हैदराबाद में केंद्रित हैं. आयकर विभाग ने एक बयान में कहा कि तलाशी और जब्ती अभियान के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज और अन्य चीजें जब्त की गई हैं, जो बेहिसाब लेनदेन में समूह के शामिल होने का संकेत देते हैं.

बयान में कहा गया है कि यह पाया गया कि समूह ने वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान अपने समूह के विभिन्न स्टेक में से एक सिंगापुर स्थित एक नॉन-रेजिडेंट इकाई की अधिकतर हिस्सेदारी बेच दी थी और भारी पूंजीगत लाभ अर्जित किया था. समूह ने बाद में संबंधित पार्टियों के साथ शेयर खरीद/बिक्री/नॉन-आर्म्स मूल्य की सदस्यता और बाद में बोनस जारी करने आदि की एक श्रृंखला में प्रवेश करके विभिन्न योजनाओं को तैयार किया, जिससे एक नुकसान हुआ, जो अर्जित पूंजीगत लाभ के खिलाफ सेट किया गया था. ऐसे आपत्तिजनक साक्ष्य/दस्तावेज बरामद किए गए हैं, जो इंगित करते हैं कि संबंधित पूंजीगत लाभ को समायोजित करने के लिए नुकसान को कृत्रिम रूप से दिखाया गया था. विभाग ने अपनी जांच के बाद की रिपोर्ट में कहा कि तलाशी अभियान में लगभग 1,200 करोड़ रुपये के कृत्रिम नुकसान का पता चला है. यह भी पढ़ें : Ayodhya: सरयू नदी में एक ही परिवार के 12 लोग डूबे, 4 लोगों को बचाया गया, राहत-बचाव अभियान जारी

इसके अलावा, खोज के दौरान, यह पाया गया कि निर्धारिती ने संबंधित पार्टी लेनदेन के कारण 288 करोड़ रुपये के डूबत ऋण का गलत दावा किया था, जिसे अर्जित उपरोक्त लाभ के खिलाफ सेट किया गया था. तलाशी के दौरान, इस कृत्रिम/गलत दावे से संबंधित आपत्तिजनक दस्तावेज पाए गए हैं. तलाशी के दौरान समूह के सहयोगियों के साथ बेहिसाब नकद लेनदेन का भी पता चला है और इसकी मात्रा और तौर-तरीकों की जांच की जा रही है. तलाशी और जब्ती अभियान के परिणामस्वरूप और पाए गए विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेजों के आधार पर, संस्थाओं और सहयोगियों ने 300 करोड़ रुपये की बेहिसाब आय होने की बात स्वीकार की है और देय करों का भुगतान करने के लिए भी सहमत हुए हैं. आगे की जांच जारी है.

Share Now

\