भाजपा सरकार ने विकास के मामले में नहीं किया भेदभाव तो वोटों के मामले में भेदभाव क्यों ? : मुख्तार अब्बास नकवी
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मुसलमानों खासकर पसमांदा मुसलमानों को भाजपा के साथ जोड़ने के अभियान का पुरजोर समर्थन करते हुए कहा कि जब पिछले आठ साल के दौरान भाजपा सरकार ने विकास के मामले में भेदभाव नहीं किया तो वोट के मामले में उनकी पार्टी के साथ भेदभाव क्यों होना चाहिए ?
नई दिल्ली, 15 जुलाई : भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी (Mukhtar Abbas Naqvi) ने मुसलमानों खासकर पसमांदा मुसलमानों को भाजपा के साथ जोड़ने के अभियान का पुरजोर समर्थन करते हुए कहा कि जब पिछले आठ साल के दौरान भाजपा सरकार ने विकास के मामले में भेदभाव नहीं किया तो वोट के मामले में उनकी पार्टी के साथ भेदभाव क्यों होना चाहिए ?
आईएएनएस के वरिष्ठ सहायक संपादक के साथ खास बातचीत करते हुए मुख्तार अब्बास नकवी ने बेतहाशा जनसंख्या पर देश में मचे राजनीतिक घमासान, अल्पसंख्यक मंत्रालय स्मृति ईरानी को देने पर टीएमसी द्वारा उठाए गए सवाल, राष्ट्रीय चिन्ह के शेर को बदले जाने के विपक्षी दलों के आरोपों सहित अन्य तमाम मुद्दों पर बेबाकी से अपनी बातें कहीं.
सवाल - भाजपा पिछड़े ( पसमांदा) मुसलमानों को पार्टी के साथ जोड़ने पर खास ध्यान दे रही है. हाल ही में हैदराबाद में हुई पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में आपके क्षेत्र रामपुर और आजमगढ़ उपचुनाव में भाजपा की जीत पर हुई चर्चा के दौरान भी इस समुदाय को पार्टी के साथ जोड़ने पर चर्चा हुई.
जवाब - भाजपा एक राष्ट्रीय और राष्ट्रवादी पार्टी है जो समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलने में विश्वास करती है और अगर आप पिछले आठ साल के हमारे सरकार के कार्यकाल को देखेंगे तो आपको साफ-साफ नजर आएगा कि हमने विकास के मामले में कोई भेदभाव नहीं किया तो वोटों के मामले में हमारे ( भाजपा) साथ भेदभाव क्यों? इसलिए हमें लोगों के बीच जाकर हमने समावेशी विकास के लिए जो काम किया है, उसके बारे में उन लोगों को बताना चाहिए. हम एक राजनीतिक दल है और निश्चित तौर पर हम चाहेंगे कि हमारे साथ सभी समुदाय के लोग जुड़ें. यह भी पढ़ें : यादवपुर विश्वविद्यालय और कलकत्ता विश्वविद्यालय को शीर्ष रैंकिंग मिलना गर्व की बात: ममता
सवाल - लेकिन पसमांदा मुसलमानों को भाजपा के साथ आने के लिए आप उन्हे कैसे कन्विन्स करेंगे ?
जवाब - मैंने कहा न, जब हमने विकास में भेदभाव नहीं किया तो वोटों के मामले में हमारे ( भाजपा) साथ भेदभाव क्यों ? हम लोगों को यह बताने और समझाने की कोशिश करेंगे. कुछ लोग इस बात को समझकर हमारे साथ आए भी हैं, कुछ आ भी रहे हैं और हमें पूरा विश्वास है कि भविष्य में और भी लोग आएंगे.
सवाल - आपके बाद अल्पसंख्यक मंत्रालय का कार्यभार केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को दिया गया है लेकिन उन्हे यह मंत्रालय देने पर टीएमसी सांसद जवाहर सरकार ने ऐतराज जताया है ?
जवाब - देखिए, मुझे एक चीज दिखती है कभी-कभी कि कुछ लोगों के लिए तर्कों की कंगाली उन्हे कुतर्कों का मवाली बना देती है. कोई भी मंत्री जब संविधान की शपथ लेता है तो वो किसी मजहब, जाति या समुदाय के लिए नहीं लेता बल्कि देश के लिए लेता है, देशवासियों के लिए लेता है और जहां तक स्मृति ईरानी का सवाल है वो समाज के सभी वर्गों की तरक्की के प्रति कमिटेड भी है , ईमानदार भी है और पूरी तरह से मजबूती के साथ उस दिशा में काम भी करती है इसलिए उन्हे किसी के प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है.
सवाल - हाल ही में देश में लगातार बढ़ रही जनसंख्या को लेकिर भी राजनीतिक विवाद हुआ. कई तरह के बयान सामने आए.
जवाब - बेतहाशा जनसंख्या विस्फोट को कोई भी देश न तो नजरअंदाज कर सकती है और न बर्दास्त कर सकती है. हमारे देश में इसके लिए पहले भी कई प्रयास हुए और उन प्रयासों की वजह से समाज के एक बड़े वर्ग ने अपनी जिम्मेदारी को समझा और जनसंख्या नियंत्रण में सहयोग भी किया, लेकिन दुर्भाग्य से कुछ लोग अल्लाह की मेहरबानी के बहाने अनलिमिटेड परेशानी के ठिकाने ढूंढ रहे हैं ताकि इस छप्पर फाड़ मेहरबानी के बहाने देश की जनसंख्या बढ़ती रहे और उन्हे छप्पड़ फाड़ कर वोट मिलते रहे. इन राजनीतिक दलों को इस समुदाय के विकास और तरक्की से कोई लेना-देना नहीं है. जो लोग ये तर्क दे रहे है, ठीक नहीं है.
सवाल - लेकिन आपके नेताओं की तरफ से भी कई बयान आए, एक समुदाय विशेष की बात कही गई तो दूसरी तरफ से अखिलेश यादव , उनके सांसद और एआईएमआईएम राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की तरफ से भी आपकी पार्टी और सरकार के खिलाफ बयान दिए गए, कई तरह की बातें कही गईं ?
जवाब - देखिए , दुनिया के तमाम देशों ने चाहे वो विकसित देश हो या विकासशील हो, सबने जनसंख्या नियंत्रित करने के उपाय ढूंढ़े हैं और उनके देश के लोगों ने इसमें सहयोग दिया है. हमारे देश में तो समस्या यह है कि यहां पर तुरंत राजनीति शुरू हो जाती है, कहीं मेहरबानी आ जाएगी तो कहीं मजहब और कहीं धर्मनिरपेक्षता के बहाने विरोध शुरू कर दिया जाता है. बेतहाशा जनसंख्या बढ़ोतरी से परिवार, समाज और देश सबके लिए परेशानी खड़ी होती है , यह समझने की जरूरत है. यह जिद नहीं देश के लिए समझदारी का विषय है.
सवाल - लेकिन इस पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी बयान आया, जिसे लेकर काफी हंगामा हुआ और आपका ट्वीट भी काफी चर्चा में रहा ?
जवाब - पहली बात तो ये है कि यह मुददा किसी किसी धर्म या जाति का नहीं बल्कि देश का मुददा है. यह देश के लिए बड़ी चुनौती है, किसी धर्म या जाति के लिए नहीं. इस देश में रहने वाले सभी व्यक्ति की यह जिम्मेदारी है कि वो बेतहाशा बढ़ रही जनसंख्या को कंट्रोल करने में मदद करे. जहां तक योगी आदित्यनाथ जी के बयान का सवाल है, उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया था. उन्होने ऐसा कुछ नहीं कहा था, जैसा बताया गया है.
सवाल - आप कह रहे हैं कि जनसंख्या विस्फोट एक बड़ी चुनौती है तो इसे कैसे रोका जाना चाहिए ? आपकी पार्टी और सरकार के अंदर से भी कानून बनाने की आवाज उठ रही है ?
जवाब - बेतहाशा बढ़ रही जनसंख्या को कंट्रोल में लाने के लिए समाज को तैयार करने की जरूरत है. इसे लेकर देश भर में राष्ट्रीय बहस होनी चाहिए. समाज को प्रेरित करने के लिए प्रयास करने चाहिए. जागरूकता पैदा करने के लिए लोगों के बीच जाकर देश भर में जागरूकता अभियान चलाना चाहिए.
सवाल - विपक्ष तो आपकी सरकार पर यह आरोप भी लगा रहा है कि आपने राष्ट्रीय चिन्ह के शेर तक को बदल दिया ?
जवाब - उन्हे ( विपक्षी दलों को ) शेर से बहुत डर लगता है. एक तो मोदी जी से डरते हैं और मोदी जी की शक्ल में शेर से डरते हैं तो अब क्या करें.
सवाल - देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने को लेकर आपका क्या विचार है ?
जवाब - यूनिफॉर्म सिविल कोड, सरकार का संवैधानिक कर्तव्य है और जो भी सरकार सत्ता में होती है उसे इस दिशा में काम करना ही चाहिए.
सवाल - आपके राजनीतिक भविष्य को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं ?
जबाव- (हंसते हुए ) हमारा भविष्य अब आप लोग तय कीजिए.
सवाल - पार्टी से क्या उम्मीदें है ?
जवाब - सब ठीक है, सब अच्छा है.